देश की राजधानी दिल्ली, वाराणसी और बंगलूरू हवाई अड्डों पर 2 दिसंबर 2022 बृहस्पतिवार से फेशियल रिकग्निशन तकनीक (एफआरटी) आधारित नई प्रणाली इन हवाएं अड्डों पर शुरू हुई। इस तकनीक के जरिए यात्रियों की पहचान उनके चहरे से होगी और वे डिजि-यात्रा मोबाइल एप के जरिए हवाई अड्डों पर बिना दस्तावेजों के एंट्री कर सकेंगे। यात्रियों का डाटा से संबंधित चहरा पहचान कर सुरक्षा जांच व अन्य चेकिंग पॉइंट्स पर खुद ही प्रोसेस कर दिया जाएगा।
फेशियल रिकग्निशन तकनीक लगाई गई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली, वाराणसी और बंगलूरू हवाई अड्डों पर फेशियल रिकग्निशन तकनीक (एफआरटी) आधारित नई प्रणाली इन हवाएं अड्डों पर शुरू हुई। इस तकनीक के जरिए यात्रियों की पहचान उनके चहरे से होगी और वे डिजि-यात्रा मोबाइल एप के जरिए हवाई अड्डों पर पेपरलेस एंट्री कर सकेंगे। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI Airport) के टर्मिनल-3 के लिए डिजि-यात्रा का शुभारंभ किया । इस डिजि-यात्रा कार्य हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा में भी मार्च 2023 से शुरू किया जाएगा और उसके बाद याद तकनीक देश के हर हवाई अड्डों पर लगाई जाएगी। इस नई व्यवस्था के लिए बने डिजि-यात्रा मोबाइल एप का बीटा वर्जन यानी कि test format 15 अगस्त 2022 को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. ने 15 अगस्त को लॉन्च किया था। एप की नोडल एजेंसी डिजि-यात्रा फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संस्था है और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के साथ-साथ यह कोचीन, बेंगलोर, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में भी हिस्सेदारी रखती है।
नई तकनीक से यात्रियों का बच रहा है समय
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि दुबई, सिंगापुर, अटलांटा, सहित जापान के नरीता हवाई अड्डों पर लगाई गई फेशियल रिकग्निशन तकनीक (एफआरटी) तकनीक यात्रियों का टाइम बचा रही है। अटलांटा हवाईअड्डे पर तो यात्री को 9 मिनट में विमान में बैठाने का दावा किया जाता रहा है।