राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए राजनीतिक दल जनता का समर्थन हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस बीच चुनावी मैदान में देखा जा रहा है कि अध्यक्ष, महासचिव से लेकर धार्मिक संगठन दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वरिष्ठ सदस्य और कर्मचारी प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे हैं। अचंबे की बात यह है कि अकाली दल बादल से अलग हुए शिरोमणि अकाली दल दिल्ली स्टेट (बास्केट सिंबल) के नेता सिर्फ एक पार्टी नहीं बल्कि अलग-अलग राजनीतिक दलों के लिए मैदान में हैं। जबकि शनिवार को समिति के अध्यक्ष और महासचिव की मौजूदगी में करीब नौ मौजूदा सदस्यों ने ही बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया। इस पर विपक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा है कि ये नेता बताएं कि वे किसके साथ कहां खड़े हैं।
बीजेपी ने दिया गुरुद्वारा कमेटी के दो सदस्यों की पत्नी को टिकट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तीन प्रमुख पार्टियों आम आदमी पार्टी, बीजेपी, कांग्रेस में से किसी ने भी गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य को टिकट नहीं दिया है, जबकि दावेदारी कई सदस्यों ने पेश की थी। बीजेपी ने नामांकन दाखिल करने से कुछ घंटे पहले गुरुद्वारा कमेटी के दो सदस्यों की पत्नियों को भी टिकट दिया है। अकाली दल दिल्ली प्रदेश के नेता हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह कहलों, आत्मा सिंह लुभाना इन दोनों के लिए बीजेपी का झंडा लगाकर प्रचार करने वालों में शामिल हैं।
एक ही पार्टी के अलग अलग नेता अलग पार्टियों के लिए प्रचार कर रहे है
वहीं दूसरी तरफ़ अपनी ही पार्टी के नेता और गुरुद्वारा कमेटी के कार्यकारी सदस्य सुरजीत सिंह जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। वहीं, विपक्ष ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि कमेटी सदस्य गुरदेव सिंह मैदान में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे हैं। एक ही पार्टी के नेताओं को अलग-अलग पार्टियों के लिए प्रचार करते देख दिल्ली की जनता और विपक्ष भी सवाल पूछ रही है कि गुरुद्वारा कमेटी कहां खड़ी है।