Delhi MCD Election : सिर्फ 300 रुपए प्रतिमाह भत्ता मिलता है निगम पार्षदों को पर टिकट के लिए करते है करोड़ों खर्च

एमसीडी चुनावों का शंखनाद बजा हुआ है। सारी पार्टी अपने अपने चुनाव प्रचार में लगी हुई है। वार्डों के परिसीमन को एक करने के बाद 250 वार्ड्स हो गए है। सभी पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी हैं। इस बार एमसीडी (MCD) के 250 वॉर्डों पर तीन प्रमुख पार्टियों के 750 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। इनमें सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवार हैं। इन मुख्य तीन पार्टी, भाजपा, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस सारी पार्टियों को मिलाकर 750 उम्मीदवार हैं। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 250 वार्डों के लिए 4 दिसंबर को मतदान होना है, जबकि इसके परिणाम 7 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।

 

सिर्फ 300 रूपये प्रतिमाह मिलते है निगम पार्षदों को

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली में होने वाले नगर निगम चुनावों पर लल्लनटॉप ने विशेषज्ञों से बात करी दिल्ली नगर निगम चुनावों के ऊपर, जिसमे चर्चा हुई वह बैठे मौजुद जानकारों ने बताया कि दिल्ली एमसीडी चुनाव ( DELHI MCD ELECTION 2022) में पार्षद बनने वालों को सिर्फ 300 रुपये प्रतिमाह भत्ता मिलता है। फिर भी लोग निगम पार्षद के टिकट के लिए करोड़ों खर्च करते हैं। इसके पीछे दिल्ली एमसीडी (DELHI MCD) में भ्रष्टाचार एक बड़ी वजह है। इस विषय पर विशेषज्ञों ने खुलकर अपने विचार रखे हैं।

 

1416 उम्मीदवार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने जो रिपोर्ट तैयार करके दी हैं। मैदान में 1416 उम्मीदवार उतरे हुए है अब और 19 नवंबर 2022 को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है। 19 नवंबर 2022 तक उम्मीदवारों की संख्या में कमी आकी जा सकती है। ऐसा इसलिए कि निर्दलीय व क्षेत्रीय पार्टियों के कई उम्मीदवार स्वयं अपनी इच्छा से नाम वापसी के सकते हैं। लेकिन, अभी तक जितने लोगों ने नामांकन किया है, उनमें महिला उम्मीदवारों की संख्या अधिक है। दिल्ली के तीन प्रमुख दलों, निर्दलीय व क्षेत्रीय दलों को मिलाकर करीब 60 प्रतिशत महिला उम्मीदवार मैदान में है। बीजेपी (BJP), आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के 750 उम्मीदवारों में करीब 55 प्रतिशत महिलाएं उम्मीदवार है।

 

चुनाव आयोग ने 1,169 नामांकन खारिज किए

गौरतलब है कि चुनाव आयोग को कुल 2,585 नामांकन प्राप्त हुए थे। जिनमें नामांकन पत्रों की जांच के बाद 17 नवंबर तक 1,169 नामांकन खारिज कर दिए गए। नामांकन पत्रों को खारिज करने का कारण नामांकन फार्म आधा भरा हुआ, उम्मीदवारों द्वारा पूर्ण जानकारी न देना, शपथ पत्र का लापता होना, बार बार नामांकन, जानकारी छिपाना, जाती प्रमाण पत्र न जमा करवाना, आधा अधूरा या गलत फॉर्म और कोई राशि सुरक्षा के रूप में जमा नहीं कराना है। चुनाव आयोग ने कहा, ‘”उम्मीदवारों की ओर से जमा नामांकन शुल्क के रूप में आयोग ने कुल 75,07,500 रुपये एकत्र किए हैं। ” चुनाव आयोग ने 83,6457 बैनर, पोस्टर, होर्डिंग और इसी तरह की सामग्री को भी हटा दिया है।