Delhi News: 500 करोड़ का नुकसान, कोरोना से उभरे व्यापारियों की आग ने तोड़ी फिर कमर

राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक से एक बड़ी खबर सामने आई है। चांदनी चौक की संकरी गलियों में पिछले तीन महीनों में दूसरी बार एक बार फिर शोरगुल मच गया है। चांदनी चौक के भगीरथ पैलेस की इलेक्ट्रिकल्‍स और लाइट्स मार्केट में आग लग गई है और वहां से लपट उठ रही है। 24 नवंबर 2022 गुरुवार की रात को यहां बहुत भीषण आग लगी और यह आग देखते ही देखते बहुत जल्दी आस पास की इमारतों में फेल गई। आग लगाने के बाद लोगो ने दमकल विभाग को फोन लगाया और मौके ए वारदात पर दमकल की 40 से ज्‍यादा गाड़‍ियां आ गई। आग की लपटे बहुत ऊपर ऊपर तक जा रही थी हर जगह सिर्फ आग ही आग और काला धुआं देखने को मिल रहा था। व्‍यापारी अपना माल बचाने की हरसंभव कोशिश करने में लगे थे और दमकल कर्मचारी आग को बुझाने में। आग लगने के बाद तुरंत बिजली काट दी गई ताकि आग को फैलने से रोका जाए। चांदनी चौक वैसे भी बहुत आबादी और भिड़ी भिड़ी गलियों वाला इलाका है। दमकल विभाग की टीम आग बुझाने रात दिन लगी रही, परंतु 20 घंटे बीत गए बिल्डिंगो में से अभी भी धुआं निकल रहा है, जिससे लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया है।

 

कैसे लगी आग?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आग बुझाने का काम अभी भी जारी है। चांदनी चौक की संकरी गलियों की वजह से आग बुझाने में मुश्किल हो रही है। वहीं रात में पानी भी खत्म हो गया था। जिसके कारण मेट्रो स्टेशन और अन्य जगहों से पानी लाया जा रहा है। खबर यह है कि करोड़ों का नुकसान हुआ है। भगीरथ पैलेस मार्केट में इलेक्ट्रिकल शॉप के मालिक मनोज गांधी ने आग लगने का कारण बताते हुए बयान दिया, “आग की वजह एक शॉर्ट सर्किट थी। रात करीब 8 बजे आग लगी। आग जब पैकेजिंग मैटीरियल के पास पहुंची तो उसमें विस्‍फोट हुआ और तेज लपटें उठने लगीं।”

 

आग कहा से लगी?

आग दो दुकानों- प्रदीप लाइट्स और एआर इलेक्ट्रिकल्‍स में लगी। पहली दुकान में लाइट्स बिकती हैं और दूसरे में अप्‍लायंसेज।

अजय शर्मा, प्रेसिडेंट (भगीरथ पैलेस मार्केट एसोसिएशन)

 

तारों का जाल और बड़ी परेशानी

भागीरथ पैलेस पांच बड़ी बड़ी इमारतों से घिरा हुआ है और यहां गली से लेकर इमारतों तक हर जगह तारों का जाल ही जाल है। यहां नंगी तारे लटक रही है जिससे कभी भी हादसा होना मुमकिन है, परंतु प्रशासन को इस से कोई लेना देना नहीं हैं। अजय शर्मा ने बताया, “तारों के इस मकड़जाल से निजात पाने के लिए दिल्ली सरकार से लेकर बिजली विभाग, एलजी को पत्र लिखा गया है। लेकिन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ा।”