भूत नाम से तो सभी परिचित होगे। देश दुनिया में ऐसी कई जगह हैं जहां भूत प्रेत होने का दावा किया जाता हैं और भारत के अंदर तो बहुत सारी जगह है जहां भूत के होने का दावा है। इसी क्रम में भूत बंगला के नाम से बदनाम शामनाथ मार्ग का बंगला नंबर 33 एक बार फिर से सुर्खियों में है। यह वही बंगला है जहां पर स्थित दिल्ली संवाद एवं विकास आयाेग के उपाध्यक्ष के कार्यालय को उपराज्यपाल के आदेश पर ताला लगा दिया गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल के इस निर्णय के तहत उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह को बर्खास्त कर दिया है और उनके ऑफिस पर रोक लगा दी गई है।
चौधरी ब्रह्म प्रकाश ने 1952 बने थे पहले निवासी
आपको बता दे की यह पहली बार नहीं है जब इस बंगले को लेकर विवाद हुआ है। आजादी के बाद से यहां से नेतृत्व देने वालों के साथ विवाद की कहानियां जुड़ती रही हैं। जो भी यहां रहा या जिसने यहां कार्यालय बनाया उसके साथ विवाद जुड़ता रहा है। पूर्व में यहां रहने वाले दो मुख्यमंत्री तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं। सूबे के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश ने 1952 में इसे अपना निवास बनाया।
बंगला है इन सुविधाओं से लैस
यह कुख्यात बंगला 5500 वर्गमीटर में फैला हुआ है और दो मंजिला बना हुआ है। बंगले में तीन रूम हैं जिसमें बेडरूम, ड्राइंग रूम, डाइनिंग हाल और कांफ्रेंस रूम हैं। बंगले में सिक्योरिटी गार्ड के लिए अलग कमरे का प्रबंध है वहीं बंगले के नौकरों के लिए 10 क्वार्टर बन हुए हैं। वही बंगले के चारों ओर बड़ा सा घास का लॉन हैं। वहीं बगीचों में पानी का फव्वारा लगा हुआ है। देश को आज़ादी मिलने के बाद से इसे राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री निवास के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प माना गया था। दिल्ली विधान सभा यहां से सिर्फ 100 गज़ की दूरी पर है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इस बंगले में रहने से मना कर दिया था।