राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर बहुत ख़ास है।41वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का थीम (theme) इस बार “लोकल फॉर वोकल” और “लोकल टू ग्लोबल” रखा गया है। वहीं राज्यों के लोकप्रिय व परंपरागत भोजनों के नाम पर खुले ‘स्टेट फूड कोर्ट’ में राज्यों के खाने का सामान न के बराबर है। ‘स्टेट फूड कोर्ट’ में स्वदेशी नही अपितु विदेशी खाना खाने को मिल रहा हैं। स्टॉलों में ज्यादातर छोले-भटूरे, छोले-कुलचे, बर्गर और चाइनीज व्यंजन ही खाने को मिलते है। प्रगति मैदान के हॉल नंबर 2 और 3 के सामने करीब 454 वर्ग मीटर की खाली जगह में यह ‘स्टेट फूड कोर्ट’ बने है। राज्यों के प्रसिद्ध तथा लोकप्रिय भोजन और पेय सामग्री यहां से गायब हैं। यूपी, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित 9 राज्यों के स्टाल लगें हैं, परंतु इन स्टॉलों में से केरल और जम्मू-कश्मीर के स्टॉलों में ही सिर्फ उनके राज्य के भोजन खाने को मिल रहे हैं।
राज्यों से उनके लोकप्रिय व्यंजन गायब
बिहार के स्टॉल में लिट्टी चोखा जरूर देखने को मिलता है पर ज्यादा आपको छोले भटूरे और चाऊमीन ही देखने को मिल रही हैं। वही दूसरी तरफ़ महाराष्ट्र में वड़ा पाव आपको देखने को मिलेगा परंतु आपको पोहा, पूरन पोली और भरली वांगी महाराष्ट्र के लोकप्रिय व्यंजन लोगों को खाने को नहीं दिख रहे। वहीं आपको पेय पदार्थ के नाम पर कोल्ड ड्रिंक पीने की मिलेगी। हर राज्यों ने अपने स्टॉल के बैनरों के ऊपर मुख्य रूप से छोले भटूरे और बर्गर विशेष तौर पर देखने को मिलेंगे।
कश्मीर और केरल राज्य के खाने महक रहे
वहीं जम्मू-कश्मीर के स्टॉल में वहां के प्रसिद्ध भोजन मिल रहे है। गोश्ताबा राइस, रोगन जोश, फिरनी और शाफरून खेवा आदि व्यंजन की खुशबू चारों और महक रहे हैं। इसी प्रकार केरल के काउंटर में भी वहां के कुछ विशेष व्यंजन आपको मिल जाएंगे। लोग बहुत निराश हो रहे है कि यह सब खाना तो हम दिल्ली में रोज़ ही खाते है। स्टेट फूड के नाम पर लोगों के साथ मज़ाक किया गया है। वहीं पानी पीने की सुविधा भी नहीं है ऐसे में लोगों को पानी खरदीकर पीना पड़ रहा हैं।