दिल्ली नगर निगम चुनाव बेहद नजदीक है लेकिन इसके कारण बजट प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं आने वाली। निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती निगम के विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार के समक्ष बजट प्रस्तुत करेंगे। इसमें वर्ष 2022-23 के संशोधित बजट अनुमान होंगे, जबकि 2023-24 के लिए बजट अनुमान होंगे। प्रस्तुतिकरण की सारी तैयारियां हो गई है। लेकिन आचार सहित लागू होने के कारण बजट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
चुनाव में भी होगा बजट पेश
दिल्ली नगर निगम का चुनाव 4 दिसंबर से होगा और 7 दिसंबर को चुनाव के नतीजे भी सामने आ जायेगे। वही दिल्ली नगर निगम एक्ट के तहत हर साल 10 दिसंबर तक निगमायुक्त को बजट स्थायी समिति के समझ प्रस्तुत करना होता है। वही अब एकीकरण के बाद पार्षद नहीं हैं। इस समय न तो सदन है और न ही स्थायी समिति है। इसकी सभी शक्तियां विशेष अधिकारी के पास हैं।
दिल्ली नगर निगम बजट प्रक्रिया
दिसंबर के पहले सप्ताह से शुरू होगी बजट प्रक्रिया और फरवरी के पहले सप्ताह तक चलती है। निगम के बजट की प्रक्रिया काफी स्पष्ट तरीके से होती है। सबसे पहले स्थायी समिति के समक्ष निगमायुक्त बजट पेश करते हैं फिर इसे सभी वार्ड समितियों के साथ विशेष चर्चा के लिए कमेटियों में भेजा जाता है। पक्ष और विपक्ष मिलकर भी समिति में चर्चा करते हैं। इसके बाद स्थायी समिति के अध्यक्ष इसे अंतिम रूप देकर सदन में भेज देते हैं। पक्ष-विपक्ष के पार्षदों की आपसी चर्चा के बाद नेता सदन इस बजट को अंतिम रूप देते हैं।
जुलाई के बजट में क्या था?
दिल्ली नगर निगम की बजट प्रक्रिया दिसंबर में शुरू होती है, लेकिन तीनों के एकीकरण के बाद जुलाई में बजट पेश किया गया था। बजट में 15 हजार 276 करोड़ रुपये का अनुमान मंजूर किया गया था। इसमें स्वच्छता के लिए 4153 करोड़, शिक्षा के लिए 2632.78 करोड़, सामान्य प्रशासन के लिए 3225.35 करोड़, लोक निर्माण और स्ट्रीट लाइटिंग के लिए 1732.15 करोड़ और सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा संबंधी के लिए 1570.25 करोड़ रुपये का बजटीय प्रविधान किया गया था।