दिल्ली एनसीआर को मिली एक और रेलवे लाइन की सौगात, इन राज्यों को होगा फायदा

दिल्ली एनसीआर के लिए सरकार एक और परियोजना ला रही है।जिसके तहत दिल्ली एनसीआर के उद्योगों को जल्द एक और रेलवे लाइन मिलेगी,जिससे माल की आवाजाही में समय बचेगा। ये रेलवे लाइन मुंबई, गुजरात, कोलकाता आदि राज्यों से होकर गुजरेगी,जिस वजह से इन राज्यों के उद्योगों का भी काफी फायदा होगा।

इस परियोजना को डीएमआईसी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड अपने अंडर देख रही है। इस परियोजना को मल्टीमाडल लाजिस्टिक हब नाम दिया गया है।

इस परियोजना पर करीब 814 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।इसका निर्माण डीएफसीसी करेग, लेकिन आईआईटीजीएनएल खर्च वहन करेगा।वहीं मल्टीमाडल लाजिस्टिक हब परियोजना को न्यू दादरी से जोड़ने के लिए 3.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछेगी।

बता दें कि मल्टीमाडल ट्रांसपोर्ट व लाजिस्टिक हब परियोजना को भारत सरकार की संस्था नेशनल इंडस्ट्रियल कारिडोर डेवलपमेंट एंड इंप्लीमेंटेशन ट्रस्ट और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उपक्रम संयुक्त इंटीग्रेटेड डीएमआईसी टाउनशिप इंडस्ट्रियल ग्रेटर नोएडा लिमिटेड दादरी,चिटेहरा, जुनपत, कटहेड़ा, पल्ला, पाली, बोड़ाकी व थापखेड़ा गांव की 478 हेक्टेयर जमीन पर शुरू करेंगी।

जानकारी के लिए बता दें कि हैलाजिस्टिक हब परियोजना का जिक्र दो बार प्रधानमंत्री भी अपने भाषण में कर चुके हैं।इसके बनने से नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित उद्योगों के माल ढुलाई की राह आसान हो जाएगी।

यह परियोजना नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण स्थित उद्योगों के लिए अहम है। वहीं अगर क्षेत्रफल की बात करें तो मल्टीमाडल लाजिस्टिक हब 333 हेक्टेयर व मल्टीमाडल ट्रासपोर्ट हब 145 हेक्टेयर पर विकसित होगा।

इसके शुरू होने के बाद माल 24 घंटे से भी कम समय में पहुंच सकेगा।वहीं फिलहाल मुंबई, गुजरात, कोलकाता आदि जगहों पर जाने में चार से पांच दिन लगते हैं। लाजिस्टिक हब में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, कस्टम आफिस आदि बनेंगे।

इसकी डीपीआर बन चुकी है,जिसकी केंद्र सरकार से दिसंबर 2020 में स्वीकृति दे दी थी।इस लाजिस्टिक हब में 16 रेलवे प्लेटफार्म बनेंगे।