9 नवंबर 2022, मंगलवार की देर रात को भारत, चीन और नेपाल में रात 1.57 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई। भारत में राजधानी दिल्ली, यूपी, बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए। यह झटके इतने तगड़े थे की बिल्डिंग हिल के रह गई थी। वहीं इसके बाद ऊंची बिल्डिंगों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। बिल्डिंग की जांच करने के लिए एजेंसियों को भेजा गया। जिन एजेंसियों ने बिल्डिंगों की जांच की , उन एजेंसियों ने अभी करीब 30-40 लाख बिल्डिंगों में से सिर्फ 4655 बिल्डिंगों को जांच की और उनमें से भी सिर्फ 758 बिल्डिंग्स की ही सुरक्षा की श्रेणी में आती हैं।
दिल्ली की 80 फीसदी इमारतें नहीं झेल सकती भूकंप के तेज़ झटके
प्राप्त जानकारियों के अनुसार डीडीए (DDA) के टाउन प्लैनर रह चुके ए.के. जैन ने अपने अपने बयान में बताया, एमसीडी (MCD) प्रतिवर्ष जो बिल्डिंग खतरनाक होती है उनकी जांच करती है। इसमें कुल 10 या 12 लाख बिल्डिंगों का सर्वेक्षण किया जाता है। परंतु दिल्ली में करीब 30-40 लाख बिल्डिंग्स हैं और इनमें से 80% प्रतिशत इमारतें ऐसी है, जो भूकंप के तेज झटकों को नहीं सह सकतीं। भूकंप के लिहाज से दिल्ली सिस्मिक जोन-4 में पड़ता है, जो खतरनाक श्रेणी के अंतर्गत में आता है। इसलिए एमसीडी (MCD) को हर बिल्डिंग का सेफ्टी ऑडिट करना चाहिए।
30-40 लाख बिल्डिंग में होती है सिर्फ 4655 को जांच
गौरतलब है कि बिल्डिंग की जांच करने वाली एजेंसियां को एमसीडी ने सर्वे के लिए भेजा है। जिन एजेंसियों ने बिल्डिंगों की जांच की , उन एजेंसियों ने अभी करीब 30-40 लाख बिल्डिंगों में से सिर्फ 4655 बिल्डिंगों को जांच की और उनमें से भी सिर्फ 758 बिल्डिंग्स की ही सुरक्षा की श्रेणी में आती हैं। जिसके बाद एमसीडी ने 53 बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया है।