रजनी कुमारी जिनका नाम था पहले नैंसी जॉयस मार्गरेट जोनस जोकि वर्ष 1948 में डॉ.य़ुधिष्ठर कुमार से शादी करने के बाद बदलकर रजनी कुमार हो गया था। 30 जनवरी 1948 को रजनी कुमारी की शादी हुई उनकी शादी उसी दिन हुई थी, जिस दिन महात्मा गांधी का मर्डर किया गया था। इसलिए उनकी शादी कैसे न कैसे उस दिन हो ही गई थी। दोनों दंपत्ति लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में साथ-साथ पढ़ते थे और विवाह के बाद दिल्ली आ गए।
अपना खुद का स्कूल खोला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बाद वह राजधानी दिल्ली के ईस्ट पटेल नगर में रहने लगे और रजनी कुमारी पटेल नगर के सलवान स्कूल में अध्यापक बन गई और पढ़ाने लगीं। इन्होंने अपने घर में ही नर्सरी के बच्चों को पढ़ाने लगी और स्कूल का नाम स्प्रिंगडेल्स स्कूल रखा गया था। 10 नवंबर 2022 गुरुवार को उन्हीं रजनी कुमार का निधन हो गया। उन्होंने 99 साल की उम्र में अपनी सांस ली। रजनी कुमार ने पटेल नगर, राजेंद्र नगर, पूसा रोड, रामजस रोड आदि इन जगहों पर यहां के घर-घर जाकर लोगों से गुजारिश कि की वह अपने बच्चे उनके स्कूल में भेजे।
रजनी कुमारी को बेहद पसंद था अफ्रीका, 2005 में किया गया था अफ्रीका सरकार द्वारा सम्मानित
रजनी कुमारी को अफ्रीका महाद्वीप बहुत पसंद था और वह उनके दिल के बेहद पास था। सन् 1971 में रजनी कुमारी ने अपने स्कूल में “अफ्रीकी क्लब” की स्थापना की थी। वह अफ्रीका के दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद को लेकर विरोध जताती रही और। दिल्ली यूनिवर्सिटी (University Of delhi) में इतिहास के प्रोफेसर डॉ. अनिरुद्ध देशपांडे को आज भी याद है, जब उनके स्कूल में अफ्रीका क्लब से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। रजनी कुमार ने अपने स्कूल में अफ्रीकी शिक्षक भी नियुक्त किये थे। रजनी कुमार को 2005 में दक्षिण अफ्रीका सरकार ने सम्मानित भी किया था। उनके इन्हीं अफ्रीकी प्रेम और रंगभेद के विरोध करने के लिए।