यह सबको ज्ञात है की कोई भी कंपनी पैसे देकर मेट्रो स्टेशन के नाम अपने नाम पर करा लेती हैं परंतु वह रेलवे स्टेशन भी अपने नाम पर करा सकती है। इसी तर्ज पर इसकी शुरुआत हो चुकी है और इसकी पहल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से की गई है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के तीन प्लेटफार्म का नाम रखने का अधिकार निजी कंपनियों को दिया जा चुका हुआ और इसकी शुरुआत हो चुकी है इसकी झलक भी अब दिखने लगी है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर 16 का नाम “बैल कोल्हू प्लेटफार्म” रख दिया गया है। इसी प्रकार से अन्य 2 प्लेटफार्म के नाम भी रखे गए हैं। इस कार्य से भारतीय रेलवे को एक वर्ष में करीबन एक करोड़ रुपये तक की कमाई होगी।
‘बैल कोल्हू’ और ‘नॉरिश’ नाम रखे गए
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने उत्तर प्रदेश की दैनिक इस्तेमाल के उत्पाद बनाने वाली कंपनी बीएल एग्रो को प्लेटफॉर्म का नाम बदलने का अधिकार दिया है। इसी की तर्ज पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के 3 प्लेटफॉर्म का नाम कंपनी के तेल ब्रांड ‘बैल कोल्हू’ और ‘नॉरिश’ पर रखा जा चुका है। रेलवे ने बताया कि हाइब्रिड मीडिया को ‘न्यू, इनोवेटिव नॉन-फेयर रेवेन्यू आइडियाज स्कीम’ के तहत एनडीएलएस प्लेटफॉर्म के नामकरण के अधिकार का ठेका दिया गया है। इसी क्रम में हाइब्रिड मीडिया ने बीएल एग्रो के साथ और डील की है।
बीएल एग्रो बनी पहली निजी कंपनी प्लेटफॉर्म नाम चेंज करने वाली
इसी समझौते के आधार पर बीएल एग्रो पहली एकमात्र ऐसी कंपनी बन गई है, जिसने प्लेटफार्म नंबर 14, 15 और 16 के नामकरण का अधिकार ले लिया है। इस समझौते के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 14 और 15 को ‘नॉरिश’ ब्रांड नाम के रूप में बदला जाएगा और अजमेरी गेट की तरफ पड़ने वाले प्लेटफॉर्म 16 को ‘बैल कोल्हू प्लेटफॉर्म-16’ के नाम से जाना जाएगा।