भारत की राजधानी दिल्ली की हवा इतनी प्रदूषित हो चुकी हैं, कि वह अब जहर बन चुकी है। लोगों का सांस लेना दुश्वार हो गया है इस जहरीली हवा में। दिल्ली एनसीआर (DELHI-NCR) भी वायु प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित है। इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कई बड़े जरूरी कदम उठाए, लेकिन कोई भी कदम पर्याप्त साबित नहीं हुआ। बढ़ते वायु प्रदूषण के इस विषय पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में फेल रहे है वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान थोड़ा मुश्किल जरूर है परंतु नामुमकिन नहीं हैं। अगर सब जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगर निगम और किसान मिलकर इससे निपटने का प्रयास करें तो हम इस समस्या का समाधान बहुत जल्दी हल कर सकते है। हमें राजनीति से अलग हटकर इस काम को मिलकर करना चाहिए।
पराली का इस्तेमाल बायो-बिटुमन बनाने में किया जाएगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि अगले दो-तीन महीनों में एक नई तकनीक लाई जाएगी, जिसमें ट्रैक्टर में मशीन लगाकर खेत में पराली का इस्तेमाल बायो-बिटुमन (Bio-Bitumen) बनाने में किया जाएगा। वहीं उनके मुताबिक बायो-बिटुमेन का उपयोग सड़क बनाने में भी किया जा सकता है। गडकरी ने अपने बयान में कहा, “किसान अन्नदाता तो है है परंतु वह ऊर्जादाता भी बन सकते हैं। वे बायो-बिटुमन (Bio-Bitumen) बना सकते हैं जिसका उपयोग सड़क बनाने में किया जा सकता है। धान की फसल की कटाई के बाद खेत में बचे हुए उसके ठूंठ को पराली कहा जाता है।
पेट्रोल में इथेनॉल मिलाकर 40 हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाई
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले मंडला में 1,261 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क परियोजनाओं की सौगात दी। नितिन गडकरी के मुताबिक, केंद्र की कैबिनेट की बैठक में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने जानकारी दी थी कि, देश ने गन्ने और अन्य कृषि उत्पादों से निकाले गए ईंधन ग्रेड एथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिलाकर 40 हजार करोड़ रुपए मूल्य की विदेशी मुद्रा बचाई है।