सरकार देश की राजधानी दिल्ली में पॉल्यूशन कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।जिसके तहत सरकार नए-नए नियम ला रही है। बता दें कि अभी कुछ समय पहले सरकार एक ऐसा ही नियम लेकर आई थी।
जिसमें सरकार ने 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहनों को चलाने पर रोक लगाई है। इस नियम के बाद से चालक बहुत ही परेशान है। यदि अगर आपके पास भी 15 साल पुराने डीजल-पैट्रोल के वाहन है और आप भी परेशान हैं,तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नही है।
क्योंकि अब सरकार इन पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदल रही है।व्यवस्था को पारदर्शी और जनता के लिए सुलभ बनाने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग पूरी प्रक्रिया को जल्द ही एक पोर्टल पर लाने जा रहा है। इस पोर्टल को अक्टूबर के अंत तक शुरू किया जाएगा।जिस पर ईंधन रूपांतरण के लिए आवेदन करने से लेकर सभी तरह की जानकारी उपलब्ध होगी।
इस पोर्टल के माध्यम से आपको वाहनों की रेट्रोफिटिंग की लागत, डीलरों और किट के लिए आवेदन करने के तरीके के बारे में विवरण मिल सकेगा।दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इन पुराने डीजल और पैट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक किट से ई-वाहनों में बदलने वाले केंद्रों के लिए 11 निर्माताओं को सूचीबद्ध किया गया है।
इसके साथ ही इसके खर्च की बात करें तो,आटोमोबाइल विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी डीजल और पेट्रोल कारों व चार पहिया वाहनों की रेट्रोफिटिंग में बैटरी क्षमता और रेंज के आधार पर बदलने का तीन से पांच लाख रुपये तक का खर्च आने का अनुमान है। वहीं आगामी सालों में इलेक्ट्रिक वाहन की मांग में तेजी आने की उम्मीद है।
पैट्रोल-डीजल कार को इलेक्ट्रिक कार में बदलने के फायदे
इसके बाद से आपको कार को चलाने के लिए तेल की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इसके साथ ही इलेक्ट्रिक कार की मेंटेनेंस भी काफी कम है।
ये कार वातारवरण के अनुकूल होती हैं और प्रदूषण से राहत देती है।
इलेक्ट्रिक कार काफी हल्की होती है,इन्हें कंट्रोल करना भी आसान है।