आज हमारे देश की बेटियां अपने माता पिता के साथ देश का खूब नाम रोशन कर रही है। देश की बेटियां हर क्षेत्र में लड़कों से कई कदम आगे है और लड़कों से डट कर टक्कर ले रही हैं। लेकिन उनकी ये कामयाबी की कहानी बहुत ही चुनौतियों भरी होती है।
एक ऐसी ही कहानी है दिल्ली की रहने वाली 23 साल की कोमल की, जो दिल्ली परिवहन निगम (DTC) मे महिला बस चालक है।उनका कहना है कि उन्हें रोड पर बस चलाते वक्त बहुत से अनुभव मिले हैं। उन्होंने बताया कि कुछ लोग उन्हें संदेह की नज़र से देखते हैं तो कुछ उनके साथ ‘सेलिब्रिटी’ की तरह पेश आते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, ‘जब लोग बस में चढ़ते हैं तो वे ध्यान नहीं देते हैं कि बस महिला चला रही है। लेकिन जब वह बस से उतरने के लिए आगे की ओर आते हैं तो उनका ध्यान मेरी तरफ जाता है। वह मुझसे कहते हैं, ‘ओह हमें पता नहीं था कि बस एक महिला चला रही है।’ वे मेरे साथ सेल्फी लेते हैं और वीडियो बनाते हैं। मुझे सेलिब्रिटी जैसा महसूस होता है।’
वह बताती है कि प्रशिक्षण के दौरान बस चलाने का अनुभव सड़क पर बस चलाने के अनुभव से बिल्कुल अलग था। ‘जब हमें प्रशिक्षण दिया जा रहा था, तो हमें बस को स्टॉप पर रोकना नहीं होता था या यात्रियों से भरी बस को मुश्किल सड़कों पर नहीं चलाना होता था। यह पूरी तरह से अलग अनुभव है।’
एक ऐसी ही महिला बस चालक है 40 साल की संतोष कुमारी, वह बताती हैं कि बचपन में उन्होंने साइकिल चलाने के अलावा कभी कोई गाड़ी नहीं चलाई थी। लेकिन आज वो बस चला रही हैं। इसके साथ ही वह बताती है कि कुछ लोग उन्हें शक की नज़र से देखते हैं तो कुछ लोग उनकी ड्राइविंग कौशल की सराहना भी करते हैं।
वह यह भी बताती है कि उन्हें बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।कुछ रास्तों पर शौचालय ढूंढना मुश्किल हो जाता है। फिर उन्हें पेट्रोल पंप पर शौचालयों में जाना पड़ता है। वहां साफ-सफाई की भी समस्या रहती है। ऐसे में उन्हें अक्सर बस के डिपो तक पहुंचने का इंतजार करना पड़ता है।’
कोमल और संतोष कुमारी की तरह ही डीटीसी मे 11 महिला चालक है, जिनको कुछ महीने ही नियुक्त पत्र दिए गए थे।