देश की राजधानी दिल्ली में नगर निगम (MCD) के एकीकरण के बाद वार्डों के परिसीमन की प्रकिया और आरक्षित करने का कार्य भी पूरा हो चुका है। वहीं कल 4 नवंबर 2022 को दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 की तारीख का ऐलान कर दिया है। दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने एमसीडी (MCD) इलेक्शन के साल 2017 में अपनी किस्मत आजमा चुके 318 नेताओं को अयोग्य ठहराकर उनके चुनाव लडने पर रोक लगा दी है। दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने इन 318 नेताओं पर 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी हैं , जिसके कारण अब यह नगर निगम चुनाव में अपना दम खम नहीं दिखा सकेंगे। रोक लगाने का कारण यह रहा दरअसल इन 318 नेताओं ने दिल्ली राज्य चुनाव आयोग को अपने चुनाव पर पैसे खर्च करने का ब्योरा नहीं दिया हैं। आपको बता दे यह प्रतिबंधित नेता विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।
चुनावी खर्च ब्योरा ना देने पर लगाया प्रतिबंध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये 318 प्रतिबंधित नेताओं पर देश के अन्य राज्यों के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं है, यह चुनाव लड़ सकते हैं। दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक नगर निगम चुनाव साल 2017 में तीनों नगर निगम के चुनाव में 2756 उम्मीदवारों ने अपना दम खम चुनावी रण में दिखाया था , इनमें से 318 उम्मीदवारों ने हारने के बाद चुनाव आयोग को चुनाव के दौरान खर्च हुए पैसे का ब्योरा नहीं दिया। चुनावों के नियम के तहत खर्च का ब्योरा देना बहुत जरूरी है, ऐसा नहीं करने पर ऐसे नेताओं पर चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान हैं।
इन वार्डों के उम्मीदवारों ने नहीं दिया ब्योरा
गौरतलब है कि दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक सबसे ज्यादा अधिक तत्कालीन उत्तरी दिल्ली नगर निगम के वार्ड नंबर 15 से चुनाव लड़ने वाले नेताओं ने चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं दिया था। वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 5 वार्डों के 6-6 और 2 वार्डों के 5-5 और दक्षिण दिल्ली नगर निगम के 5 वार्डों के 5-5 उम्मीदवारों ने भी चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं दिया था।