दिल्ली में अब सफर करना हुआ महंगा,जारी हुए ऑटो किराए के नए रेट

महंगाई है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है,इस महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है। जहां पहले महंगाई के दौर में सोना, चांदी लेना महंगा था। वहीं अब सफर करना भी महंगा हो गया है।

क्योंकि अब सीएनजी के दाम भी बढ़ गए हैं। दरसल सीएनजी के दाम काफी समय से ही बढ़ गए थे। लेकिन ऑटो ड्राइवरों ने किराए के दाम नहीं बढ़ाए थे। जिससे उन्हें पिछले कई महीनों से भारी नुकसान हो रहा था।

जिसकी भरपाई करने के लिए ड्राईवर सवारियों से मनमाना किराया वसूल रहे है, जिसके कारण से यात्री बेहद परेशान हैं। अब सरकार ने यात्रियों और ड्राइवरों की इस समस्या का समाधान देखते हुए एक रास्ता ढूंढ लिया है।

लेकिन सरकारी विभागों ने अपनी लेटलतीफी और लाल फीताशाही के चलते मामला लटक सा दिया है।जिसका खामियाजा दिल्ली की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
सूत्रों के मुताबिक़ ऑटो के किराए में बदलाव से जुड़ी फाइल पिछले दो महीने से फाइनैंस विभाग में अटकी पड़ी है।

जिसका कई बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने अपने कमेंट्स के साथ फाइल वापस परिवहन विभाग को नहीं भेजते है। वहीं फाइल पर कानून और योजना विभाग की तरफ से कमेंट्स मिल चुके हैं, लेकिन वित्त विभाग ने मामले को लटका रखा है।

जिसकी वजह से यात्रियों को मनमाना किराना देना पड़ रहा है।परिवहन मंत्री भी कई बार कार्रवाई को जल्दी कराने के लिए कहे चुके हैं। इसके बावजूद भी वित्त विभाग के अधिकारी फाइल पर कुंडली मारे वैठे हुए हैं।

आपकों बता दें कि कमिटी का सुझाव था कि ऑटो का किराया 25 रूपए के बजाए 30 रूपए से डाउन हो। और उसके बाद किराया 9.50 रुपये प्रति किमी से बढ़ाकर 11 रुपए प्रति किमी किया जाए।इसी के साथ ही काली-पीली टैक्सी के किराए को भी रिवाइज किया जाएगा।

इसके साथ ही ड्राइवरों का कहना है कि अगर किराया बढ़ गया तो सवारियां मिलनी और कम हो जाएंगी। इसेक लिए सरकार से उनकी मांग है कि उन्हें सीएनजी पर सब्सिडी देकर 35 रुपये किलो के रेट पर सस्ती गैस दी जाए।

पर दिल्ली सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह सब्सिडी नहीं दे सकती । ऐसे में दिल्ली की जनता ऑटो चालकों की मनमानी झेलनी पड़ेगी।