राजधानी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब हालत में आ चुकी है। AQI इंडेक्स पर दिल्ली की हवा गंभीर स्थिति के पार पहुंच चुका है। जिसकी चपेट में हार की आ चुका हुआ चाहे वो बच्चे हो, जवान हो या फिर बुजुर्ग लोग सब प्रदूषण की चपेट में आ चुके है। इसमें सबसे बुरे दिल्ली की जहरीली हवा के बीच बुजुर्ग फंस गए हैं। उम्र के साथ स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों और परेशानियों के बीच अपनी सेहत को तंदुरुस्त रखने के लिए उनके लिए बाहर टहलना भी मौत के मुंह में जाने जैसा हो गया है।
हॉस्पिटलों में सांस से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी
प्राप्त जानकारियों के मुताबिक डॉक्टर्स का कहना है कि उनकी ओपीडी (OPD) में बुजुर्ग मरीजों की संख्या में लगाते इज़ाफा हो रहा है। खासतौर पर वह बुजुर्ग लोग जो सांस की दिक्कतों से गुजर रहे है। वह बुजुर्ग लोग सांस की दिक्कत के करना उनको नेबुलाइजर लगाने, एयर प्यूरीफायर में रहने, कुछ समय के लिए शहर छोड़ने के साथ-साथ उन्हें हॉस्पिटलों में भर्ती होने तक की नौबत आ रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि जो लोग सांस की दिक्कत से पीड़ित है, उन मरीजों को घर के अंदर रहने की ज्यादा जरूरत है, उन्हें सुबह सुबह चलने तथा जॉगिंग, रनिंग जेसी कार्यों से बचना चाहिए।
अस्थमा,सीओपीडी के मरीजों में 50% की बढ़ोतरी
नैशनल चेस्ट सेंटर (national chest centre) के डायरेक्टर और पल्मनोलॉजिस्ट (pulmonologist) डॉ. भरत गोपाल ने बताया, “सीनियर सिटीजंस के फेफड़ों का बेसलाइन फंक्शन कम होता है और इतने प्रदूषण में यह उनके लिए बेहद खतरनाक है। दिल्ली में कुछ दिनों से इतना ज्यादा प्रदूषण है कि हमारे ओपीडी (OPD) में मरीजों की संख्या में 50% की बढ़ोतरी हुई है। जिनमें से 25% लोगों को तो एडमिट करने तक की नौबत आ गई है। हमारे पास सांस के अस्थमा, सीओपीडी (क्रॉनिक इन्फ्लेमेटरी लंग डिजीज) के मरीज आते रहते हैं और इस समय इस प्रदूषण में एक्सपोज होने पर कई मरीज ज्यादा बीमार हो रहे हैं।”