दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के चलते किए प्राथमिक स्कूल बंद, एक्सपर्ट्स कहना – यह परमानेंट सॉल्यूशन नहीं

राजधानी दिल्ली में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के कारण दिल्ली सरकार ने प्राथमिक कक्षाओं के अंदर पढ़ने वाले बच्चों के लिए स्कूल बंद करने का कल फैसला लिया जा चुका है।दिल्ली में हर वर्ष दिवाली के बाद प्रदूषण की बहुत बड़ी दिक्कत रही है जिसके चलते बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल बंद करने का फैसला हर साल लिया जाता रहा है। परंतु अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या घर पर बच्चे इस जहरीली और प्रदूषित हवा से सुरक्षित हैं? क्या बच्चे इस से जहरीली वायु से बच जाएंगे?

बच्चों की पढ़ाई ख़राब हो रही है : पैरेंट्स

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार के स्कूल बंद करना सबसे आसान तरीका है, यह कोई परमानेंट सॉल्यूशन नहीं है। इस का हल निकालने के लिए सरकार को साल भर सोचना पड़ेगा और उस पर कार्य करना पड़ेगा। वहीं दूसरी तरफ़ स्कूल ही नहीं अभिभावकों का भी कहना है कि कोरोना कल के बाद बहुत मुश्किलों से पढ़ाई शुरू हुई हैं, परंतु फिर यह त्योहारों की छुट्टियां और अब प्रदूषण यह बच्चों की अकैडमिक ही नहीं उनकी फिजिकल एक्टिविटी पर भी पाबंदी लगा रही है। पैरेंट्स 2 हिस्सों में बंट चुके है। कई पैरेंट्स ऑनलाइन क्लास के विरोध में और कई पैरेंट्स इसके पक्ष में हैं।

स्कूलों का बंद करना परमानेंट सॉल्यूशन नहीं : एक्सपर्ट्स

राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर 4 नवंबर 2022 शुक्रवार को घोषणा की कि दिल्ली में प्राथमिक स्कूल 5 नवंबर से लेकर 8 नवंबर तक बंद रहेंगे। इसके अलावा अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए बाहरी गतिविधियां सीमित कर दी गई है ताकि प्रदूषण से उनको भी बचाया जा सके दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद जहां विद्यार्थियों के माता-पिता ने राहत की सांस ली हैं, वहीं दूसरी तरफ़ कई दूसरे स्कूलों और एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्कूलों के बार-बार बंद होने से बच्चों की पढ़ाई को नुकसान होगा है और यह कोई परमानेंट सॉल्यूशन नहीं हैं। एक्सपर्टो ने यह भी कहा कि पहले कोरोना महामारी के समय और अब दिल्ली में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के कारण स्कूलों को बंद करना पड़ रहा है।