हमारे देश के राजनीतिक मानचित्र के अनुसार, भारत को 28 राज्यों में विभाजित किया गया है, लेकिन राजधानी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली अपनी विचित्रताओं के कारण अलग अलग हिस्सों में विभाजित है। यह सिर्फ भौगोलिक स्थिति में ही नहीं बल्कि रहन सहन मे भी बहुत अलग है।
ऐसा ही एक अंतर साउथ डेहली की मॉम और वेस्ट दिल्ली वाली मम्मी में भी होता है। आइए यहां जाने इन अंतरों के बारे में
1. पार्टी के लिए मम्मी की परमिशन
पार्टी करना सभी को पसंद हैं, लेकिन वेस्ट दिल्ली के बच्चे पार्टी के बारे में सोच भी नही सकते। क्योंकि उनको रात को घर से बाहर जाने की इजाज़त नहीं होती। उनको वापस ही अपने घर में आना पड़ता है।
लेकिन वही जब कोई साउथ दिल्ली का बच्चा पार्टी के लिए जाता हैं और आधी रात मे जल्दी वापस आ जाता है। तो उसकी मॉम कहती हैं “बेबी, अभी 2 बजे हैं, आप जल्दी ही कैसे वापस आ गए? क्या पार्टी अच्छी नहीं थी?”
2. मम्मी के तैयार होने का स्टाइल
वेस्ट दिल्ली वाली मम्मी तैयार होने के लिए ‘अमृतसर से लाया हुआ फुलकरी दुपट्टा, मेकअप का इस्तमाल करती हैं। वहीं दूसरी ओर, साउथ डेल्ही मॉम्स तैयार होने के लिए ऊपर से नीचे तक ब्रांडेड सिल्क और शिफॉन के कपडे पहनती हैं। इसके साथ ही ‘नो-मेकअप’ मेकअप लुक के साथ वो ग़दर लगती हैं।
3. उनकी पूजा और किट्टी पार्टी
वेस्ट दिल्ली की मम्मी टाइम बिताने के लिए पूजा रखती हैं, जिसमें सारी वेस्ट दिल्ली वाली मम्मी भारी गहनों और श्रृंगार में सजी हुई मिलेंगी।अपनी मासिक माता की चौकी में भाग लेती हैं और गपशप करती हैं।
वहीं साउथ दिल्ली की मॉम किट्टी पार्टी करती हैं। जिसमे कैमोमाइल चाय, बादाम कुकीज़ और एक आनंदमय शाम बिताने के लिए गुरुजी और उनके भव्य आश्रम।
4. खरीदारी करते वक्त बार्गिंग
साउथ दिल्ली की मॉम हो या वेस्ट दिल्ली वाली मम्मी हो,लड़कियां कभी भी बिना खरीदारी किए नहीं रह सकतीं। लेकिन साउथ दिल्ली की मॉम अपने पसंदीदा गुच्ची बैग या एलवी जूते खरीदने से पहले मूल्य टैग पर दो बार नहीं देखती हैं। एक वेस्ट दिल्ली वाली मम्मी है जो बिना मोलभाव किए एक दर्जन केले भी नहीं खरीदती।
मम्मी चाहे कहीं की भी हो वो चाहे ग्लैमर क्वीन हो,या देसी गर्ल लेकिन मां तो मां होती हैं। अपने बच्चो से प्यार करती है।