आपने अक्सर सुना होगा कि महिलाएं करवा चौथ का व्रत अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। प्राचीन काल से ही महिलाएं हमेशा अपनी जान पर खेलकर अपनी पति की रक्षा करती है।
लेकिन आज जो हम आपको बताएंगे वह किसी महिला की कहानी नहीं है, बल्कि एक पुरुष की कहानी है। जिसने करवा चौथ से पहले अपनी पत्नी को किडनी देकर उसकी जान बचाई है।
दरअसल यह कहानी है पति संजय कुमार की,जिसने करवाचौथ से पहले अपनी पत्नी मंजू को किडनी देकर उनकी जान बचाई है। बता दें कि मंजू पिछले 22 सालों से किडनी की समस्या से पीड़ित थी। करीब तीन महीने पहले उनकी स्थिति और खराब होने लगी। उनकी डायलिसिस के बाद भी क्रेट 9 बढ़ ही रही थी।
जिसके बाद से मंजू के परिवार ने किडनी ट्रांसप्लांट का फैसला लिया। और पति संजय कुमार ने पत्नी मंजू को किडनी देकर उनकी जान बचाई।उनकी किडनी का ट्रांसप्लांट का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुआ।
दिल्ली सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर हिमांशु वर्मा ने बताया कि महिला का लंबे समय से किडनी का ईलाज चल रहा था। उनकी बढ़ती समस्या को देखते हुए उनकी किडनी ट्रांसप्लांट करने का फैसला लिया गया था।
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिनों पहले ही महिला की किडनी ट्रांसप्लांट की गई है। जिसके बाद से महिला स्वस्थ है और उन्होंने छुट्टी दे दी गई है।
वहीं अगर ऑर्गन ट्रांसप्लांट की बात करे तो महिलाओं के मुकाबले पुरुष आगे रहते हैं। राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) के मुताबिक दिल्ली में साल 2015 से अब तक हुए ट्रांसप्लांट में करीब 24 फीसदी अंग महिलाओं में ट्रांसप्लांट हुए।
जबकि 70 फीसदी से अधिक पुरुषों में ट्रांसप्लांट हुए है। नोटो के डाटा के मुताबिक़ पुरुषों को 17382 दान मिले जबकि महिलाओं को 4089 अंग ही दान में मिले है। जिनमें किडनी, हार्ट और लिवर शामिल हैं।