Delhi News: दिल्ली मेट्रो में सफ़र करने वाले यात्री को हर दिन झेलनी पड़ती है यह परेशानी, जानिए क्या हैं 

जब भी आप दिल्ली के किसी भी मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करते हैं तो आपको एक बात जरूर महसूस होती होगी। मेट्रो स्टेशन के नीचे बेतरतीब ढंग से खड़े कैब से लेकर ऑटो से लेकर ई-रिक्शा तक। दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशन ऐसे हैं कि अंदर घुसने से पहले ही स्टेशन के बाहर जाम की वजह से दो से चार बार जाम का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह पूरी कवायद किसी जाल से कम नहीं है। कई बार तो जाम ऐसा होता है कि इंसान एकदम बेबस हो जाता है। खासतौर पर तब जब आपको ऑफिस, कॉलेज या किसी जरूरी काम के लिए देर हो रही हो।

 

मल्टी-मोडल इंटीग्रेशन सिस्टम लागू किया गया है

आपको बता दें कि दिल्ली में छतरपुर और जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन शहर के बिल्कुल अलग छोर पर हैं। वहीं इन स्टेशनों के एंट्री गेट के बाहर एक समस्या आम है। यह समस्या है इन दोनों स्टेशनों के बाहर पार्किंग की। इससे यहां जाम की स्थिति बन जाती है। इससे यातायात रुकता है। इसी तरह की समस्याएं करोल बाग और नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशनों पर भी हैं। मेट्रो स्टेशनों के बाहर सड़कों पर चलने वाले ऑटो, ई-रिक्शा और कैब अब दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। यह स्थिति तब से है जब से नेहरू प्लेस और करोल बाग स्टेशनों सहित 59 स्टेशनों पर मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन लागू किया गया है।

 

मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन क्या है?

गौरतलब हैं कि मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन में मेट्रो स्टेशन के आसपास के 300 मीटर के क्षेत्र को बस स्टैंड, ऑटो और ई-रिक्शा से जोड़ा जाना है। इसमें अप्रोच रोड, पैदल यात्री मार्ग और पार्किंग क्षेत्र भी शामिल होंगे। एमएमआई को दिल्ली के 59 मेट्रो स्टेशनों पर पहले ही लागू किया जा चुका है। इसके लिए मेट्रो के 10 स्टेशनों पर काम चल रहा है। नेहरू प्लेस और करोल बाग मेट्रो स्टेशनों पर काम चल रहा है। यह काम इस साल जून तक पूरा होने की उम्मीद है। जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन पर एमएमआई प्रस्तावित है। डीएमआरसी के एक अधिकारी ने कहा कि हम सभी नियामकों के साथ-साथ कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके पीछे स्टेशन का मल्टी-मोडल हब में परिवर्तन है, जिससे यात्रियों को यात्रा के एक मोड से दूसरे मोड में बदलने की अनुमति मिलती है।