Delhi News: अब दिल्ली के स्कूलों में 6 साल से पहले नहीं मिलेगा पहली कक्षा में एडमिशन, सरकार निकालने जा रही हैं नए नियम

न्यू एजुकेशन पॉलिसी यानी कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत 3 से 8 साल के बच्चों के शिक्षा ढांचे में बदलाव किया जा रहा है और दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने इसे अपनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने 20 अप्रैल तक सभी हितधारकों से सुझाव ([email protected]) मांगे हैं। नई व्यवस्था के तहत कक्षा 1 से पहले तीन कक्षाएं होंगी, जबकि वर्तमान में नर्सरी और केजी है। फाउंडेशनल स्टेज की नई संरचना के साथ, अब कक्षा 1 से पहले एक और कक्षा जोड़ी जा रही है। अब 3 साल या उससे अधिक का बच्चा नर्सरी में दाखिला लेता है और उसकी उम्र केजी में 4+ और कक्षा 1 में 5+ साल है। नामांकन परंतु, नई प्रणाली के साथ, बच्चा 3 साल की उम्र में पढ़ना शुरू करेगा, कक्षा 1 से पहले तीन साल तक पढ़ाई करेगा और फिर 6+ की उम्र में कक्षा 1 में दाखिला लेगा।

 

शिक्षण के होंगे नए तरीके

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, शिक्षा निदेशालय की ओर से कहा गया है कि वह इस नए ढांचे को अपनाने का इरादा रखता है। नए ढांचे के साथ-साथ नए पाठ्यक्रम और अतिरिक्त बुनियादी ढांचे की भी जरूरत होगी। शिक्षण के नए तरीके, नई शिक्षण सामग्री की भी आवश्यकता होगी, जिसके लिए शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों, प्रबंधन समितियों, शैक्षणिक संस्थानों, स्कूल संघों, पेशेवर लोगों, विषय विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और आम जनता से सुझाव मांगे गए हैं।

 

पढ़ाने का नया जरिया

आपको बता दे कि कुछ समय पहले ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने प्रारंभिक बचपन की शिक्षा की एक नई डिजाइन ‘नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फाउंडेशनल स्टेज 2022’ को लागू किया है। इसे NEP के तहत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा तैयार किया गया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्री-प्राइमरी के लिए 3 साल का स्ट्रक्चर तय किया गया है। प्री स्कूल में बच्चों के लिए किताबें नहीं होंगी, उन्हें कहानियों, खिलौनों, गतिविधियों के जरिए पढ़ाया जाएगा। एनईपी में इस आयु सीमा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह सीखने की एक महत्वपूर्ण अवस्था है।