ग्राहक गुस्से में पूछते हैं अच्छी शराब क्यों नहीं मिलती, ग्राहक समझाने की कोशिश करते हैं… दिल्ली में कुछ रेस्टोरेंट मालिक इन दिनों लोगों को मनचाही शराब नहीं परोस पाने को लेकर तनाव में हैं। दरअसल दिल्ली में नई शराब नीति को हटाकर पुरानी शराब नीति को फिर से लागू कर दिया गया है। ऐसे में कई ब्रांडेड शराब का रजिस्ट्रेशन ही नहीं होता है। जिससे रेस्टोरेंट मालिक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि रेस्टोरेंट में डिनर के लिए आने वाले लोग ब्लैक लेबल, चाविस रीगल जैसे ब्रांडेड शराब की फरमाइश करते हैं, परंतु शराब नहीं मिलने के कारण ग्राहक की फरमाइश पूरी नहीं हो पाती है। ऐसे में कई बार लोग अपनी मनपसंद शराब न मिलने की वजह से रात का खाना भी नहीं खाते हैं, जिससे उनके बिजनेस को नुकसान होता है। रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि स्टॉक सीमित होने के कारण ऑनलाइन ऑर्डर करने के बाद भी अच्छी ब्रांडेड शराब नहीं मिल पा रही है।
लोगों को नहीं मिल रही उनके पसंद की शराब
राजधानी दिल्ली के एक रेस्टोरेंट मालिक ने बताया कि एब्सोल्यूट, जेमिसन, ब्लैक लेबल, रॉयल सैल्यूट, ग्लेनलाइवेट और ग्लेनफिडिच जैसे नामी ब्रैंड्स को खरीदना मुश्किल है। रेस्टुरेंट मालिकों ने कहा कि मशहूर बीयर और वाइन ब्रांड भी मुश्किल से बाजार में उपलब्ध हैं। ऐसे में रेस्टोरेंट मालिक उसी ब्रांड की शराब का स्टॉक कर रहे हैं, जो आसानी से मिल जाती है। एक रेस्तरां के मालिक ने कहा कि वह ग्रे गूज वोदका, जैकब्स क्रीक वाइन, किंगफिशर, हेनेकेन और होएगार्डन बीयर के ऑर्डर को पूरा करने में भी सक्षम नहीं था। आगे मालिकों ने कहा कि ये ब्रांड या तो पंजीकृत नहीं हैं या दिल्ली में उपलब्ध नहीं हैं। लोग दिल्ली में उपलब्ध ब्रांडों को नहीं पीना चाहते हैं।
लोग नोएडा, गुरुग्राम जा रहे हैं
आपको बता दे कि दिल्ली में ब्रांडेड शराब की किल्लत से रेस्टोरेंट मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अच्छी और महंगी ब्रांड की शराब के लिए दिल्ली के ज्यादातर लोग नोएडा और गुरुग्राम की तरफ जा रहे हैं। राजधानी के रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि नोएडा और गुरुग्राम के रेस्टोरेंट कस्टमर के कहने पर शराब परोसने में सक्षम हैं। रेस्टोरेंट मालिकों ने कहा कि आबकारी विभाग को लिखने का कोई फायदा नहीं है। शहर में कई आउटलेट चलाने वाले एक रेस्टोरेंट मालिक ने कहा कि समस्या विकट हो गई है, लोगों की पसंदीदा शराब न मिलने के कारण वह पार्टी का ऑर्डर भी नहीं ले पा रहे हैं।