Delhi News: MCD की इलेक्ट्रॉनिक कचरा डिस्पोजल योजना घर बैठे करती है ई-कचरा नष्ट, केवल 1 हजार लोगो ने उठाया फायदा

रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग में निकलने वाले कचरे को तो रोज फेका जा सकता है बिना किसी को नुकसान पहुंचाए। परंतु जब बात आती है ई-कचरे (इलेक्ट्रॉनिक कचरा) की तो इसे डिस्पोजल या निस्तारण करना थोड़ा मुश्किल था लेकिन ये मुश्किल भी आसान बन गई जब दिल्ली में डेढ़ साल पहले ई-कचरा डिस्पोजल की योजना बनाई गई। इस योजना को बने डेढ़ साल हो गए है और हाल फिलहाल में इस योजना के नए नियम भी लागू हुए है। देश को स्वच्छ रखना हर इंसान की जिम्मेदारी होती है। लेकिन जनता इन चीजों को लेकर जागरूक नहीं है। यही कारण है की ई-कचरे निस्तारण योजना की सुविधा केवल एक हजार लोगो ने ली है। 

 

ई-कचरा डिस्पोज के लिए करे अप्लाई

ई-कचरे के निस्तारण योजना में दिल्ली नगर निगम घर-घर जाकर ई-कचरे के संग्रहण की व्यवस्था की करती हैं। इसके तहत उत्पादन करने वालों को ही निस्तारण की जिम्मेदारी निभानी होगी। दिल्ली नगर निगम के साथ, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने अपने नागरिकों को ई-कचरा डिस्पोज की सुविधा प्रदान की है। इस सुविधा में नागरिकों को ई-कचरे के निस्तारण के लिए पोर्टल (https://ewaste.mcd.live/) के माध्यम से आवेदन करना होगा। इसमें करीब 120 वस्तुओं के निस्तारण के लिए निगम व एनडीएमसी को आवेदन दिया जा सकता है।

 

जनता है सुविधा से वंचित या लापरवाह?

आवेदन के आधार पर, एजेंसी के कर्मचारी निगम से संपर्क करने का निर्णय लेते हैं और फिर वे व्यक्ति द्वारा निर्धारित समय पर ई-कचरा एकत्र करते हैं। जितनी भी राशि होती है वह नागरिक के खाते में ही दी जाती है। लोग बॉक्स को कबाड़खाने में देना पसंद कर रहे हैं; ई-कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए। इसलिए निगम ने इन एजेंसियों को जोड़ा है। बावजूद इसके नागरिक इस सुविधा का उस स्तर पर लाभ नहीं उठा रहे हैं, जिस स्तर पर उन्हें मिलना चाहिए था।

 

किन कारणों से नही उठा रहे लोग फायदा?

निगम के पोर्टल के अनुसार अब तक 985 लोगों ने घर से ई-कचरा एकत्र करने के लिए आवेदन किया था। इसके आधार पर ई-कचरा एकत्र किया गया है, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में लोग इन वस्तुओं को रेहड़ी-पटरी वालों को बेच रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण यह है कि निगम को आवेदन करने से लेकर ई-कचरा पहुंचाने तक का समय तय करना होता है। इस पूरी प्रक्रिया में लोगों का काफी समय लगता है। दूसरी ओर, कबाड़ को देने में ज्यादा समय नहीं लगता है। इसलिए नागरिक निगम की सेवा का लाभ नहीं उठा रहे हैं।