Delhi Special News: पाकिस्तान से 3 गुना ज्यादा अमीर हैं अपनी प्यारी दिल्ली, आज मुंह दिखाने के लायक नहीं है भारत का बेटा पाकिस्तान

भारत का बेटा यानी कि पाकिस्तान अपने इतिहास के सबसे बुरे वक्त से गुजर रहा है। इस दुर्दशा के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं। कई वर्षों से भारत के लिए नफरत की आग में जल रहा यह देश रोटी के लिए रोने लगा है। यह देश गंभीर आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है। जो देश उनके शुभचिंतक कहलाते थे, वे भी अब उनका साथ छोड़ चुके हैं। अब दुनिया की निगाहें इस बात पर हैं कि ये देश इस वर्तमान संकट से कैसे ऊपर उठता हैं। चलिए आज हम आपको पाकिस्तान की इस तबाही के कारणों के बारे में नहीं बल्कि एक सच्चाई के बारे में बताने जा रहे हैं।

 

बर्बादी की राह पर पाकिस्तान

आपको बता दे कि धर्म और नफरत के आधार पर अलग दुनिया बनाने वाले पाकिस्तान के हुक्मरान आज दुनिया को अपना मुंह नहीं दिखा पा रहे हैं। आपको यकीन नहीं होगा कि भारत से जंग लड़ते-लड़ते ये देश इतना वीरान हो गया है कि अपनी प्यारी दिल्ली का मुकाबला भी नहीं कर सकता हैं। हमारी अपनी दिल्ली कई मामलों में पूरे पाकिस्तान से आगे है। इसके लिए आइए आज एक छोटा सा प्रसंग देखते हैं।

 

पाकिस्तान भारत से तुलना करने के लायक नहीं

 

बता दें कि किसी भी देश या राज्य के विकास को मापने के कई पैमाने होते हैं। इसमें एक स्केल वाहन बेचने का भी हैं। यह आंकड़ा उस राज्य या देश की समृद्धि को भी दर्शाता है। आज इसी बिंदु पर हम दिल्ली और पाकिस्तान की तुलना करते हैं। यहां हम पाकिस्तान की तुलना आर्थिक महाशक्ति बन चुके अपने देश से करना उचित नहीं समझते। पाकिस्तान इस तुलना के लायक भी नहीं है। आज हम इस देश की तुलना अपनी राजधानी से ही करते हैं।

 

दिल्ली पाकिस्तान से तीन गुना अमीर है

यहां बात हो रही हैं दिल्ली की समृद्धि के प्रतीक वाहनों की बिक्री और पाकिस्तान की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की। साल 2022 में अकेले दिल्ली में ही छह लाख से ज्यादा गाड़ियां बिकीं, जो 2021 के मुकाबले 32 फीसदी ज्यादा थीं। वैसे भी 2021 में कोरोना की वजह से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। राष्ट्र के ऑटोमोबाइल सेक्टर ने काफी तरक्की की है। यहां हर हफ्ते एक से ज्यादा कार लॉन्च होती हैं। आज दुनिया की लगभग सभी बड़ी कार कंपनियां भारत में अपने वाहन बेचती हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर के इस विकास का सीधा संबंध देश की आर्थिक प्रगति से है। देश में ऐसे ग्राहक हैं जो इन कारों को खरीदते हैं, इसलिए ये कंपनियां कारोबार करती हैं।