दिल्ली में रहते है तो अपना वाहन होने की अहमियत को जरूर समझते होंगे और वाहन है तो चलाने के लिए ईंधन की आवश्यकता तो जरूर पड़ती होगी। लेकिन क्या हो जब आप दिल्ली के किसी पेट्रोल पंप पर जाए और वर्कर आपकी गाड़ी मे तेल डालने से मना कर दे? लेकिन ऐसा होगा क्यों पहले जान ले। आपको बता दे, 25 अक्टूबर से दिल्ली में सिर्फ उन्हीं वाहनों को पेट्रोल और डीजल दिया जाएगा, जिनके पास वैलिड पीयूसीसी यानी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट होगा। जिन वाहनों के पास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है या जिनके पॉल्यूशन सर्टिफिकेट एक्सपायर हो गए है, उन्हें 25 अक्टूबर से पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा।
नहीं है PUCC तो लगेगा जुर्माना और होगी जेल
आपको बता दे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट ना होने पर सिर्फ इतना नही होगा की पेट्रोल या डीजल मिलना नहीं मिला करेगा बल्कि 10 हजार का भरी जुर्माना भी लगेगा। सिर्फ इतना ही नहीं 10 हजार के जुर्माने के साथ साथ 3 महीने की जेल होने भी हो सकती है। इन तमाम परेशानियों का सामना आपको करना पड़ सकता है अगर आपके पास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट ना हो। इसलिए समय रहते अपना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाए। अब जान लीजिए की किस ईंधन की गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने में आपको कितना खर्च करना होगा। यह जानने के लिए आगे पढ़े।
कितने में बनता है पॉल्यूशन सर्टिफिकेट?
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के मुताबिक पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी से चलने वाले दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने का शुल्क 60 रुपये है। चार पहिया वाहन जोकि पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी से चलते है उनका पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने का शुल्क 80 रुपये है। इसके अलावा डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने का शुल्क 100 रुपये है। वही बता दे, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने पर अलग से जीएसटी भी लगाया जा सकता है।