राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ब्लड कैंसर सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए केंद्र सरकार के तीन अस्पतालों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट (अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण) की मुफ्त सुविधा शुरू होगी। प्राइवेट अस्पतालों में इसकी कीमत करीब 15 से 20 लाख रुपए है। प्रधानमंत्री कोष आयुष्मान भारत के सहयोग से जल्द ही सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीजों के लिए यह सुविधा उपलब्ध होगी।
इन अस्पतालों में शुरू किया जाएगा
बता दे कि पहले इसे लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, फिर सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में शुरू किया जाएगा। वहीं कुछ समय पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य महानिदेशक ने इस क्षेत्र में कार्यरत इन तीन सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों के विशेषज्ञों के साथ बैठक कर इसे शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए डॉक्टरों और नर्सों को प्रशिक्षित करने और प्रत्यारोपण के लिए बिस्तर उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है।
जल्द होगी सुविधा शुरू
आपको बताते चले कि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, डेढ़ से दो महीने के भीतर मुफ्त बोन मैरो ट्रांसप्लांट शुरू होने की उम्मीद है। बैठक में मौजूद गुरुग्राम के वरिष्ठ चिकित्सक राहुल भार्गव ने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशक ने इसे शुरू करने का सकारात्मक आश्वासन दिया है। डॉ. भार्गव ने कहा कि उन्होंने निजी अस्पताल और सरकारी अस्पताल के बीच टाई-अप कर ईएसआई फरीदाबाद में यह सुविधा शुरू की है। ईएसआई फरीदाबाद में अब तक 25 बोन मैरो ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। जल्द ही केंद्र के तीन अन्य अस्पतालों में गरीब मरीजों के लिए यह सुविधा शुरू की जाएगी।
कौन दान कर सकता है?
वहीं बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए भाई-बहन पहले पसंदीदा डोनर होते हैं। यदि वे मेल नहीं खाते हैं, तो किसी को भी दाता के रूप में लिया जा सकता है। बोन मैरो रक्तदान की तरह होता है।
देश के इन सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा
- एम्स, दिल्ली
- एसजीपीजीआई, लखनऊ
- पीजीआई, चंडीगढ़
- इंदौर मेडिकल कॉलेज, मध्यप्रदेश
- ईएसआई, फरीदाबाद