ताजनगरी दिल्ली के 2023-24 के बजट को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने खड़ी हो गई है। राजधानी का बजट मंगलवार यानी आज पेश होना था, परंतु इसे रोक दिया गया हैं। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विज्ञापन, पूंजीगत व्यय पर खर्च और आयुष्मान भारत जैसे मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया हैं। सीएम ने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी सरकार का बजट रोका गया हो।
दिल्ली सरकार के बजट पर लगी रोक
बता दें कि दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने सीएम केजरीवाल के बजट पर रोक लगा दी है। इस स्थिति में वह मंगलवार को सदन में पेश नहीं हो पाएंगे। इसे लेकर सीएम केजरीवाल ने केंद्र पर निशाना साधा हैं। वहीं दूसरी तरफ़ गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने AAP सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है, क्योंकि उनके बजट प्रस्ताव ने विज्ञापन के लिए अधिक आवंटन और बुनियादी ढांचे और अन्य विकास पहलों के लिए कम आवंटन प्रदान किया है।
गृह मंत्रालय ने मांगा स्पष्टीकरण
- गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार दिल्ली सरकार के बजट का सिर्फ 20 फीसदी पूंजीगत व्यय पर खर्च करने का प्रस्ताव है। यह रकम ताजनगरी दिल्ली और महानगर दिल्ली के लिए काफी नहीं है।
- केजरीवाल सरकार ने दो साल में प्रचार पर होने वाले खर्च को दोगुना कर दिया है, जिस पर उपराज्यपाल ने स्पष्टीकरण मांगा है।
- एलजी ने दिल्ली के गरीब लोगों को आयुष्मान भारत जैसी केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं मिलने पर स्पष्टीकरण मांगा है।
केजरीवाल सरकार से चार दिन में मांगा जवाब
बताते चले कि गृह मंत्रालय ने कहा,
दिल्ली के एलजी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के वित्तीय हित को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित बजट पर कुछ चिंताएं जताई थीं। इस पर गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में दिल्ली सरकार से गुहार लगाई है। दिल्ली सरकार आगे की कार्रवाई के लिए इन चिंताओं को दूर करने के लिए फिर से बजट पेश करेगी। दिल्ली सरकार इस पर चार दिन में अपना जवाब पेश करे। दिल्ली की जनता के हित में सरकार को तुरंत जवाब पेश करना चाहिए।