ताजनगरी दिल्ली की दिल्ली सरकार ने यह दावा किया हैं कि बिजली पर सब्सिडी अभी चालू रहेगी। दिल्ली सरकार के मुताबिक, उपराज्यपाल बिजली सब्सिडी को लेकर एक विवाद खड़ा कर रहे हैं और लोगों के अंदर भ्रम फैला रहे हैं। वहीं एक दिन पूर्व एलजी कार्यालय से बिजली सब्सिडी नीति में बदलाव की सिफारिश के आदेश आए थे। दिल्ली सरकार ने यह भी आरोप लगाया है कि एलजी कानूनी सलाह के आधार पर बिजली विभाग पर दिल्ली सरकार की बिजली सब्सिडी वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
सब्सिडी बंद करने की कोई भी योजना नहीं
बता दें, राजधानी दिल्ली की नई ऊर्जा मंत्री आतिशी ने सोमवार को बताया,
केजरीवाल सरकार के राज में किसी उपभोक्ता को बिजली सब्सिडी बंद करने की कोई योजना नहीं है। दिल्ली सरकार 24 घंटे मुफ्त बिजली देने का प्रयत्न कर रही है। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने बिजली सब्सिडी को लेकर अपनी एडवाइजरी वापस ले ली है। तत्कालीन डिप्टी सीएम और बिजली विभाग के प्रभारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने डीईआरसी अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच करने और नए सिरे से राय देने को कहा था, क्योंकि डीईआरसी की आखिरी सलाह को दो साल से ज्यादा का समय बीत चुका है।
डीईआरसी ने मामले की विस्तृत कानूनी जांच की
इस अनुरोध के मिलने होने पर, डीईआरसी ने मामले की विस्तृत कानूनी जांच की और 6 जनवरी 2023 को एक नई राय प्रस्तुत की। डीईआरसी ने अपने विस्तृत आदेश में बताया कि दिल्ली विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 86(2) के अनुसार, आयोग केवल चार परिभाषित मामलों पर सरकार को सलाह दे सकता है। बिजली उद्योग की गतिविधियों में प्रतिस्पर्धा, दक्षता और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, बिजली उद्योग में निवेश को बढ़ावा देना, राज्य में बिजली उद्योग का पुनर्गठन, उत्पादन, वितरण और बिजली के व्यापार से संबंधित मामले या राज्य आयोग, सरकार द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य मामले सम्मिलित हैं। अधिनियम की धारा 86(2) के तहत बिजली सब्सिडी का मुद्दा चार निर्दिष्ट क्षेत्रों में से किसी में भी नहीं आता है। इसके बजाय यह अधिनियम की धारा 65 के तहत आता है, जो राज्य सरकार का डोमेन है।