दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली एनसीआर में रहने वाले अफ्रीकी मूल के तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है क्योंकि वह एक घातक ड्रग को सप्लाई किया करते थे। इस ट्रक की कीमत 60 करोड़ बताई जा रही है। इस ड्रग का नाम डिस्को बिस्किट है। आपने इस ड्रग के बारे में हॉलीवुड की मशहूर फिल्म Wolf Of Wall Street में जरूर देखा होगा इस फिल्म का हीरो इस ट्रक का सेवन करता था और अब यह ड्रग दिल्ली की गलियों में सप्लाई हो रहा था लेकिन क्या होता है यह ड्रग जैसे इसका नाम है क्या यह वैसा ही दिखता है गैस की हकीकत कुछ और है? चलिए जानने की कोशिश करते है।
क्या है डिस्को बिस्किट ड्रग?
डिस्को बिस्किट ड्रग मशहूर हॉलीवुड फिल्म वुल्फ ऑफ वॉल स्ट्रीट से जानने में आई। डिस्को बस कट का असली नाम Methaqualone है। इस ट्रक को अमेरिका में 1983 में मार्केट से बंद कर दिया गया था। नहीं 1984 में से शेड्यूल 1 ड्रग में शामिल कर लिया गया। यदि कोई इसका सेवन, खरीद या बिक्री करते हुए कोई पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ नार्कोटिक्स ड्रग और साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है।
क्या है इस ड्रग से जुड़ा पूरा मामला?
दरअसल इस खास तरह की ड्रग्स को ग्रेटर नोएडा के एक रियाइशी इलाके में रखा गया था। वहां से लाकर दिल्ली में बेचा जाता था। विशेष आयुक्त धालीवाल ने बताया कि इस मामले में अब तक 3 तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ड्रग तस्करों का लीडर पश्चिम अफ्रीका के एक देश का रहने वाला है। धालीवाल ने बताया कि गिरफ्तार तीनों लोग पिछले 2 साल से यह धंधा कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि आरोपी बिना किसी वैध यात्रा दस्तावेज के भारत में रह रहे थे।
कैसे चल रहा था यह गिरोह?
विशेष आयुक्त कमिश्नर एच.जी.एस. धालीवाल ने बताया,
जब हमने उसे निर्धारित स्थान पर पकड़ा तो उसने सारे राज खोल दिए, उसने बताया कि वह दिल्ली-एनसीआर में चल रहे ड्रग कार्टेल का सदस्य है। अफ्रीकी नागरिक इसे चला रहे हैं। वह ग्रेटर नोएडा में रहने वाले एक अन्य गिरफ्तार आरोपी ओमरलब्राहिम से ड्रग्स खरीदता था। पुलिस ने आगे बताया कि अगले दिन यानी 5 मार्च को हमने ओमरलब्राहिम को जनकपुरी के पास माता चानन देवी अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया। आरोपी ने बताया कि वह तीसरे आरोपी चिंजी से भी ड्रग्स मंगवाता था। इस आधार पर पुलिस ने 6 मार्च को चिंजी को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में तीनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे ग्रेटर नोएडा में रहने वाले अफ्रीकी नागरिकों से मादक पदार्थ की खेप मंगवाते थे। ये लोग दिल्ली के आईएनए मार्केट, वसंत कुंज और जनकपुरी में नशे का आदान-प्रदान करते थे। इतना ही नहीं ये तीनों दिल्ली-एनसीआर के अलावा मुंबई और बेंगलुरु में भी ड्रग्स सप्लाई करते थे।