Delhi News: जवानी के दिनों में दिल्ली आए लापता हुए शख्स को पुलिस ने उनके परिवार से मिलवाया, 36 साल से थे लापता

एक कहावत है कि पुलिसकर्मी जो चाहे कर सकते हैं। हालांकि, इस कहावत का इस्तेमाल आमतौर पर पुलिस के लिए बुरे संदर्भ में किया जाता है। हालांकि, हरियाणा पुलिस में तैनात पुलिसकर्मी की मेहनत और लगन ने 36 साल से अपने परिवार से बिछड़े शख्स को फिर से मिला दिया, व्यक्ति असम का रहने वाला है।

 

दिल्ली आने के बाद मानसिक हालत बिगड़ गई

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 57 साल के राजेंद्र सीना ऐसे घर से दिल्ली आए थे, जब उनकी उम्र 21 साल थी। यहां आने के बाद उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। राजेन्द्र सीना राजधंक दिल्ली की सड़कों पर इधर-उधर रहने लगे। दिल्ली में ‘अपना घर’ आश्रम संगठन के लोगों की नजर राजेंद्र सीना पर पड़ी। संगठन के लोगों ने उन्हें सड़क से उठा लिया और आश्रम ले आए। अस्पताल में उनका इलाज हुआ। धीरे-धीरे राजेंद्र का मानसिक संतुलन ठीक होने लगा। आश्रम के लोगों ने राजेंद्र से उनके बारे में पूछताछ की। जिसके बाद उन्होंने अपना नाम बताया और जब वह अपने घर आया तो उसने केवल इतना कहा कि उसका घर विद्यानगर में है।

 

विद्यानगर में रहते है बस इतना ही पता कर पाए

बता दें कि अपना घर आश्रम, राजेंद्र सीना के घर के बारे में सिर्फ इतना ही पता कर पाया कि उनका घर विद्यानगर में है। राजेंद्र न तो अपने राज्य का नाम बता पा रहा था और न ही उसके आसपास के किसी स्थान के बारे में। ऐसे में आश्रम के लोगों ने हरियाणा पुलिस के एएसआई राजेश कुमार से संपर्क किया। राजेश पंचकूला में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग में तैनात हैं और लापता लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए मशहूर हैं। राजेश कुमार ने तुरंत राजेंद्र की काउंसलिंग की और उनसे अधिक जानकारी निकालने का प्रयत्न किया।

 

सोशल मीडिया का सहारा लिया

बताते चलें, एएसआई (ASI) राजेश कुमार का कहना है कि जब विद्यानगर में तलाशी ली गई तो कई ठिकाने सामने आए। उन्हें राज्य में जो भी स्थान मिला, वह सोशल मीडिया के माध्यम से राजेंद्र सेना की तस्वीरें साझा करने लगीं। असम के एक युवक ने उस फोटो को पहचान लिया और कहा कि यह मेरे चाचा की फोटो है जो 36 साल पहले लापता हो गए थे।