राजधानी दिल्ली में गर्मी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। भीषण गर्मी के आसार अभी से दिखाई पड़ने लगे हैं। क्योंकि मार्च से मई तक लू के आसार बढ़ जाते हैं। इस स्थिति आगामी दिनों में स्थिति और भी बदतर हो सकती है। ताजनगरी दिल्ली में भी जल संकट गहराने के आसार हैं। दिल्ली जल बोर्ड (DJB) का कहना है कि हरियाणा में अवैध रेत खनन के कारण यमुना का जलस्तर दिल्ली वजीराबाद में गिर गया है। वर्तमान में जलस्तर आवश्यकता से करीब तीन फीट नीचे गिर गया है। ज्यादा गर्मी हालातों को और भी बुरा बना सकते हैं।
हरियाणा में रेत खनन की वजह कारण
बता दें, दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा,
अभी फरवरी-मार्च में स्थिति वैसी ही है जैसी पिछले साल मई में देखी गई थी। अधिकारियों ने इस साल अभूतपूर्व गर्मी की भविष्यवाणी की है। इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में यह समस्या और भी गंभीर होने वाली है। हालांकि, दिल्ली में पानी का संकट गर्मी की वजह से नहीं, बल्कि हरियाणा में बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन की वजह से है। रेत माफिया ने यमुनानगर के डाउनस्ट्रीम में बांधों की एक श्रृंखला बनाई है। इससे दिल्ली में पानी का बहाव बाधित हो गया है।
यमुना का जल स्तर भी घटा
अपनी बात जारी रखते हु सौरभ भारद्वाज ने आगे बताया,
वर्तमान में यमुना का जलस्तर वांछित 674.5 फुट के मुकाबले 671.7 फुट पर आ गया है। इससे जलापूर्ति प्रभावित हुई है। उद्योगों से निकलने वाला गंदा पानी अब यमुना में आ रहा है। यह पानी उपयोग के लायक नहीं है। इसमें केमिकल की मात्रा इतनी ज्यादा होती है कि इसे साफ भी नहीं किया जा सकता। इस जल संकट से आम जनता ही नहीं प्रभावित होगी। यह जल संकट संसद, राष्ट्रपति भवन, एलजी हाउस, मुख्यमंत्री कार्यालय और केंद्र और राज्य सरकार के विभागों में जलापूर्ति को प्रभावित करेगा।
दिल्ली का कुल पानी का 40% यमुना से प्राप्त
गौरतलब हैं कि दिल्ली को अपने कुल पानी का 40 प्रतिशत यमुना से प्राप्त होता है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 1994 के बाद से दिल्ली की आबादी कई गुना बढ़ गई है, परंतु शहर की जलापूर्ति का हिस्सा नहीं बदला है। दिल्ली पानी के सीमित स्रोत से जूझ रही है। हमने केंद्र सरकार से इसे बढ़ाने की मांग की है। हम सीवेज के पानी को यमुना में जाने से रोकेंगे। हमने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि हमारे हिस्से का पानी जनसंख्या के रेश्यो में होना चाहिए। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार जैसे अन्य राज्यों के लोग दिल्ली में बस गए हैं। इसलिए हमें केंद्र सरकार से उनके हिस्से का पानी मिलना चाहिए।