भारत की बहुत बड़ी कम्पनी इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति (N R Narayana Murthy) ने एक कार्यक्रम में कहा कि जब वह दिल्ली आते हैं तो असहज महसूस करते हैं। कारण यह है कि दिल्ली एक ऐसा शहर है जहां के लोग ट्रैफिक को लेकर ज्यादा अनुशासनहीन हैं, उन्होंने यह बात दिल्ली में ट्रैफिक रूल्स नियमों को तोड़ने का उदाहरण दिया। ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) के स्थापना दिवस पर इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा कि जनता को निजी संपत्ति से बेहतर सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल करना चाहिए। लोक प्रशासन में झूठ और छल से बचने के लिए इसे सावधानी से किया जाना चाहिए।
लोग रेड लाइट तोड़ रहे थे : नारायण मूर्ति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति ने अपनी बात रखते हुए कहा,
मैं वास्तव में दिल्ली आने में बहुत असहज महसूस करता हूं, यह एक ऐसा शहर है जहां अनुशासनहीनता सबसे ज्यादा है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। मैं कल हवाई अड्डे से आया था। सिग्नल पर रेड लाइट थी, वहां पर बहुत सारी कारें, मोटरसाइकिल और स्कूटर थे। लोग बिना किसी परवार के रेड लाइट पार कर रहे थे।
पैसा होने पर लोग इंतजार नहीं करेंगे
अपनी बात जारी रखते हुए नारायण मूर्ति ने आगे कहा,
अगर हम आगे बढ़ने के लिए एक या दो मिनट भी इंतजार नहीं कर सकते हैं। क्या आपको लगता है कि पैसा होने पर वे लोग इंतजार करेंगे? बेशक वे इंतजार नहीं करेंगे।
रोजाना 25-30 हजार चालान काटे जाते हैं, फिर भी दिल्ली के लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते
बता दें, यातायात पुलिस के विशेष आयुक्त एस.एस. यादव ने कहा कि केवल क्रियान्वयन से स्थिति में सुधार नहीं हो सकता। इसके लिए लोगों को अपने व्यवहार में सुधार करना होगा। ऐसा नहीं है कि नियम तोड़ने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। दिल्ली की सड़कों पर रोजाना करीब 25-30 हजार चालान काटे जाते हैं। इनमें से लगभग 15-20 हजार चालान सड़कों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस टीमों द्वारा जारी किए जाते हैं, जबकि लगभग 3.75 लाख चालान हर महीने कैमरों के माध्यम से जारी किए जाते हैं, जो केवल ओवर स्पीडिंग, स्टॉप लाइन/जेब्रा क्रॉसिंग के उल्लंघन और रेड लाइट के लिए होते हैं। इसी तरह अवैध पार्किंग के लिए रोजाना 7-8 हजार चालान काटे जाते हैं। इसके बावजूद लोग यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं।