Delhi News: दिल्ली सरकार को बड़ा झटका! NGT ने लगाया 6,100 करोड़ रुपये का जुर्माना

यमुना में सीवरेज के पानी के रिसाव और राजधानी दिल्ली में अनुचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने दिल्ली सरकार पर 6,100 करोड़ रुपये से अधिक का भारी जुर्माना लगाया है, क्योंकि यमुना पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी वह साफ नहीं हो रही।

 

करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी यमुना रोजाना प्रदूषित हो रही

एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीवरेज ट्रीटमेंट में नियमों का पालन नहीं होने पर नाराजगी जताई और कहा कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी यमुना रोजाना प्रदूषित हो रही है। यमुना में तीन हजार एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) से अधिक दूषित पानी मिल रहा है। कचरा प्रबंधन पर एनजीटी ने भी सख्त रुख अख्तियार किया है। वहीं जस्टिस गोयल ने कहा कि पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन की स्थिति से जूझ रही है, ऐसे में बड़े पैमाने पर कचरे का जमा होना लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे पहले, एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर अक्टूबर 2022 में अनुचित कचरा प्रबंधन के लिए 900 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसे दिल्ली सरकार ने अभी तक जमा नहीं किया है।

 

एनजीटी ने कहा, कचरा कम नहीं हुआ है, बल्कि बढ़ा है

बता दे कि सुनवाई के दौरान एनजीटी ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जमा कचरे के संबंध में सौंपी गई रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया। मुख्य सचिव नरेश कुमार ने एक लाख टन कचरा हटाने की जानकारी देते हुए कहा कि अगले साल तक पुराना कचरा हटा दिया जाएगा। इस पर एनजीटी के न्यायिक सदस्य और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सुधीर अग्रवाल ने कहा कि गाजीपुर, ओखला और भलस्वा के पहाड़ों में 330 लाख टन से ज्यादा कचरा जमा हो जाता है. ऐसे में जब रोजाना निकलने वाले कुल कचरे को ट्रीट नहीं किया जा रहा तो पुराना कचरा कैसे कम हो रहा है।