इस बार दिल्ली एमसीडी चुनाव में जोरदार टक्कर देखने को मिली और 15 साल से दिल्ली की एमसीडी की सत्ता पर जमे बीजेपी का तख्तापलट आप ने कर दिया और वही कांग्रेस का पतन होता नजर आ रहा है। इस एमसीडी चुनाव में कई युवा प्रतिनिधित्व भी नजर आए लेकिन लोकप्रियता हासिल की है एक यूपीएससी एस्पिरेंट ने जोकि उम्र में सबसे छोटी पार्षद बनी। पहले चुनाव में ही बीजेपी को मात देकर विजय हासिल की शिवानी पांचाल ने।
24 वर्षीय महिला बनी निगम पार्षद
शिवानी पांचाल केवल 24 वर्ष की उम्र में पार्षद बनी हैं। रोहतास नगर में महिला आरक्षित सीट पर आम आदमी पार्टी ने शिवानी को टिकट दिया था। 25 गज के मकान में रहने वाली शिवानी जिनको न कोई राजनीति अनुभव था उसके बाद भी बीजेपी को हराकर जीत हासिल करी है।
DTU से पोस्ट ग्रेजुएशन की है छात्रा
शिवानी के पिता नहीं, छह महीने पहले उनका निधन हो गया। शिवानी चार भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। शिवानी ग्रेजुएट हैं और वो अभी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी से पीजी कर रही हैं। पढ़ाई के साथ ही वो यूपीएससी की तैयारी भी कर रही है। उन्होंने शिक्षा को मुद्दा बनाया और इसी मुद्दे पर युवाओं को एकजुट कर चुनाव लड़ा।
आईएएस अधिकारी बनना है लक्ष्य
उनका सपना यूपीएससी क्रैक कर आईएएस अधिकारी बनना है। उनका कहना है की आईएएस बन कर समाज की सेवा करना चाहती हैं, हालांकि समाजसेवा के क्षेत्र में फिलहाल वो एक जनप्रतिनिधि के तौर पर कार्य करेंगी। उन्होंने बीजेपी की पार्षद रहीं सुमनलता नागर को हराकर जीत दर्ज की है। शिवानी से पूछे गए सवाल “पार्षद बनने से पहले वे IAS परीक्षा की तैयारी कर रही थीं तो क्या वह तैयारी करती रहेंगी” पर उनका उत्तर है कि सिविल सर्विस में देश की सेवा करनी थी। अब इलाके के लोगों के बीच रहकर उनके लिए काम करूंगी। निगम चुनावों में वोट देकर लोगों ने जो भरोसा दिखाया है, उसे जी-जान लगाकर पूरा करुगी।