Delhi MCD Election: MCD चुनाव यह 5 संदेश हर पार्टी को देकर गया है, जानिए क्या है यह 5 संदेश?

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनावों के लिए मतदान 4 दिसंबर 2022 को हुआ था। वहीं 7 दिसंबर 2022 बुधवार को मतगणना की प्रक्रिया पूरी हो गई है। शुरुआती रूझानों में कभी बीजेपी (BJP) तो कभी आम आदमी पार्टी (AAP) आगे चल रही थी। इस बार मैदान में कुल 1,349 उम्मीदवार थे। दिल्ली नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बाजी मार ली है।आम आदमी पार्टी (AAP) ने बहुमत हासिल कर लिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने 134 सीटें जीतकर बहुमत पाकर यह चुनाव भी जीत लिया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 104 सीटें हासिल की हैं। कांग्रेस (Congress) ने नौ सीटों पर जीत हासिल कर ली है और वहीं तीन सीटों पर।निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर ली हैं। दिल्ली में देश के हर कोने का निवासी रहता हैं, जिसके चलते चुनावों से जो संदेश बाहर आते है, वह बहुत महत्वपूर्ण होते है। पार्टियों का पता चलता है कि हर क्षेत्र और राज्य के मुद्दे अलग होते है। ऐसे में दिल्ली नगर निगम चुनाव से निकले पांच राष्ट्रीय संदेश हैं यह हैं।

 

दिल्ली का ब्रांड सीएम अरविंद केजरीवाल और मजबूत होंगे

दिल्ली में नगर निगम चुनावों में जीत हासिल करने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल का ‘दिल्ली मॉडल ऑफ गवर्नेंस’ और मजबूत होगा। सीएम अरविंद केजरीवाल देश के अन्य राज्यों में अपनी पार्टी के विस्तार के लिए अब तक इसी मॉडल को अपना सबसे मजबूत हथियार बनाते रहे हैं।

 

बीजेपी की पूर्वांचली और मिडिल क्लास वोटों पर पकड़ बराबर

 

भले ही बीजेपी 15 साल से एमसीडी पर कब्जा जमाए बैठी थी परंतु, इस हार के बाद 2024 चुनावों के लिए बीजेपी के लिए राहत भरी खबर यह है, कि पूर्वांचल मतदाता का ट्रेंड कमोबेश बीजेपी के साथ रहा। इसी तरह मिडल क्लास आबादी में भी बीजेपी की। पकड़ कमजोर नहीं हुई है। परंतु सिख वोट में जरूर गिरावट आई है जो चिंता की बात है, परंतु पार्टी बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों के लिए 2024 से पहले इसे सकारात्मक ओपिनियन पोल के रूप में ले रही है।

 

कांग्रेस मुस्लिम वोट के पास जायेगी?

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के अलावा बिहार में आरजेडी, यूपी में एसपी-बीएसपी, तेलंगाना में टीआरएस, पश्चिम बंगाल में टीएमसी इन राजनीतिक पार्टियों ने मुस्लिम वोट बैंक जीता हैं। जो कांग्रेस के पतन का कारण हैं। एमसीडी चुनाव में मुस्लिम वोट का एक हिस्सा कांग्रेस को तरफ आता दिखा है। जोकि कांग्रेस के लिए एक संकेत है। क्या कांग्रेस मुस्लिम वोट अपने साथ लाएगी? यह तो भविष्य बताएगा।

 

उद्धव ठाकरे अपनाएंगे केजरीवाल मॉडल

दिल्ली चुनाव के कुछ महीने बाद मुंबई में चुनाव होने है। इस बार मुंबई के चुनावों में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की रणनीति से सबक लेकर मैदान में उतर सकते हैं। वहीं दिल्ली में धूल चाटने के बाद बीजेपी भी अपनी गलतियों से सीखेगी और उन्हें सुधारेगी।

 

स्थानीय चुनाव में स्थानीय मुद्दे चलेगा

एमसीडी चुनाव से यह भी सिख मिली है की हर बार एक ही मुद्दे पर लड़ना या राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ना अब काम नहीं आएगा। इस चुनाव से यह संकेत मिले है की स्थानीय चुनाव में स्थानीय मुद्दे चलेंगे।