क्या आप जानते हैं दिल्ली के इतिहास की सबसे बड़ी लूट के बारे में,यदि नहीं तो यहां जाने

दिल्ली एक ऐतिहासिक शहर है। यहां की ईमारतों से लेकर यहां का खाना पीना सब इतिहास से जुड़ा हुआ है। यहां की ईमारतों के इतिहास के बारे में तो आप सब जानते हैं, लेकिन आज हम आपकों बताएंगे एक ऐसी ऐतिहासिक लूट के बारे में जिसके बारे में शायद ही आपको पता है।

नादिर शाह के बारे में तो आप सबने ही सुना होगा, नादिर शाह का ताल्लुक किसी नवाबी या शाही परिवार से नहीं था।वह ईरान साम्राज्य की राजधानी से काफी दूर एक क्षेत्र में जन्मा था। लेकिन उसने अपने दम पर ही अपनी पहचान बनाई थी और अपने ही दम पर अपनी सेना खड़ी की थी। वह मात्र तीस साल की उम्र में दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना का कमांडर बन गया था।

बता दें कि 1738 के दौर मे मुगल साम्राज्य की बागडोर मोहम्मद शाह रंगीला के हाथों में थी। दिल्ली हिन्दुस्तान का सबसे महशूर और खूबसूरत शहर बन चुका था। यहां शाही दरबार में कला और साहित्य को बढ़ावा मिल रहा था। इसके साथ ही लिबास और पकवानों पर प्रयोग करके उसे बेहतर बनाने की कोशिशें जारी थीं। विशाल इमारतें और दूर तक दिखने वाले बाजार अपने दौर की कहानी कह रहे थे।

दिल्ली की शोहरत दिनो दिन बढ़ती जा रही थी।इसी दिनो दिन बढ़ती शोहरत के साथ शहर में उसे देखने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा था। जिसकी खबरें नादिर शाह तक बराबर पहुंच रही थीं। अब ये खबरें इतिहास में एक बड़ी घटना दर्ज करने वाली थी,जिसके बाद से सबकुछ बदलने वाला था।

नादिर शाह एक लंबा हट्टा-कट्टा,काली आंखों वाला सुंदर शासक था,जो अपनी बेरहमी के लिए कुख्यात था। वह विरोधियों को छोड़ता नहीं था और जी-हुजूरी करने वालों के लिए बड़ा दिल रखता था। वह 1738 की जुलाई को खैबर दर्रे को पार करके हिन्दुस्तान पहुंचा था। पर वह दिल्ली से अभी दूर था। उस वक्त दिल्ली जश्न में डूबी हुई थी।

वहां के बाजारों में चीन से आए खूबसूरत सामान और सोने का पानी चढ़े शीशे वाले हुक्के सजे हुए थे। दिल्ली के बाजार में मिलने वाली उच्च गुणवत्ता वाली शराब की जानकारी नादिर शाह को दिल्ली आने के लिए ललचा रही थी।

इसके साथ ही दिल्ली के रईसों की समृद्धि और शोहरत ने नादिर शाह को दिल्ली लुटने पर मजबूर कर दिया था। इसके बाद नादिर शाह ने दिल्ली में जो लूट मचाई उसकी खबर-दूर-दूर तक पहुंची।इतिहासकारों की मानें तो नादिर शाह ने जो लूट की थी, उसकी कीमत उस दौर में 70 करोड़ रुपये थे।आज के हिसाब से देखें तो 156 अरब डॉलर है, यानि की करीब 10 लाख 50 हजार करोड़ रुपये थे।

ये इतिहास की सबसे बड़ी लूट थी।नादिर शाह की ये लूट सिर्फ खजाने तक सीमित नहीं रही थी। उसने अपने साथ उस दौर की बेहतरीन नृत्यांगनाओं, हकीम, वास्तुकारों और अपने क्षेत्र के कई विशेषज्ञों को भी ले गया था।

इस उस लूट ने मोहम्मद शाह को बुरी तरह से तोड़ दिया था। यहां तक कि इतिहास में भी मोहम्मद शाह को मुगल साम्राज्य के पतन का जिम्मेदार भी बताया गया।बता दें कि उनके दौर में कला, संस्कृति, इमारतों का विकास हुआ था।

कुछ इतिहासकारों के अनुसार, उस लूट के बाद मोहम्मद शाह अपने कई दुश्मनों को हरा पाने में असफल रहा। जिसके बाद से धीरे-धीरे उसके साम्राज्य के साथ प्रशासनिक संस्थानों का पतन होने लगा।