दिल्ली एम्स में अपना इलाज कराने वालों के लिए एक खुशखबरी है। अब से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ओपीडी दिखाने के पैसे नहीं लगेंगे।
बता दें कि दिल्ली एम्स मे उपचार करवाने वाले मरीजों के लिए 300 रुपये तक के सभी ओपीडी शुल्क को समाप्त कर दिया गया है।यहां तक की एम्स प्रशासन ने पर्ची बनवाने के लिए लगने वाले 10 रुपये के शुल्क को भी माफ कर दिया है।मिली हुई जानकारी के मुताबिक इस नियम को 1 नवंबर से लागू किया जाएगा। इससे पहले 19 मई को एक आदेश जारी करते हुए भी एम्स प्रशासन ने 300 रुपये तक की सभी जांच निशुल्क कर दी थीं।
जानकारी के लिए बता दें कि ओपीडी में मरीजों का पंजीकरण सभी वीकडेज पर किया जाएगा। जिसकी टाइमिंग सुबह 8 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक रहेगी। इसी के साथ 1:00 बजे के बाद किसी भी मरीज को बिना परामर्श ओपीडी में नहीं भेजा जाएगा।। वही दोपहर एक बजे के बाद से विभिन्न विभागों के रेजिडेंट के साथ स्क्रीनिंग ओपीडी बारी-बारी से शाम 5 बजे तक चलेगी।
इसी के साथ ही दिल्ली में काम कर रहे स्वास्थ्य सेवाएं संस्थान के कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए ईएचएस ओपीडी में केवल ई-पर्ची बनेगी। इन पर्ची को ओपीडी में बैठे डॉक्टर अपने लॉगिन से ही बना सकेंगे।इस नियम के बाद से कर्मचारियों को अब पर्ची बनवाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। वहीं, अब उनका पूरा ब्योरा भी डॉक्टर के एक क्लिक पर होगा। इस संबंध में एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने एक आदेश जारी किया है।
सूत्रों के मुताबिक़ एम्स को पूरी तरह से डिजिटल बनाने की दिशा में यह एक कदम है। आने वाले दिनों में संभावना है कि इस कोशिश को अन्य मरीजों की पर्ची पर भी लागू किया जा सकता है।
ऐसा होने के बाद मरीजों को पर्ची बनाने के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी। वहीं, मरीज की पूरी केस हिस्ट्री भी डॉक्टर के पास होगी। उसे पुरानी पर्ची पर निर्भर नहीं होना होगा।