अगर आप भी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Merrut Expressway) से रोजाना सफर करते है तो यह ख़बर आपके लिए है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से रोजाना सफर करने वाले दोपहिया और तिपहिया वाहन चालकों के लिए बुरी सूचना है। दोपहिया और तिपहिया इन वाहनों पर प्रशासन के द्वारा सख्ती बरती गई है। एक्सीडेंट और हादसों की रोकथाम के लिए एक्सप्रेसवे पर इन वाहनों के चलने पर पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा रहा है। पुलिस के द्वारा जल्द इन वाहनों पर ऑनलाइन चालान भेजे जाएंगे। इस अहम फैसले के लिए गाजियाबाद पुलिस और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के साथ बैठक हो चुकी है। पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा इस फेसले को लेकर एक्शन में आ चुके है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने और क्राइम की रोकथाम के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Merrut Expressway) और हाईवे पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला लिया गया है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे 9 को दो जोन में बांटा गया है।
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहनों का चालान किया गया
दरअसल, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर दोपहिया और तिपहिया वाहनों को चलने की अनुमति नहीं है, परंतु इसके बावजूद कुछ वाहन चालक दुपहिया व तिपहिया वाहनों से सफर कर रहे हैं, इसकी सूचना जैसे ही यातायात पुलिस को मिली तो यातायात पुलिस ने भी पिछले शनिवार से कवायद शुरू कर दी। दोनों एक्सप्रेसवे के 8 बिंदुओं पर यातायात पुलिस तैनात की गई और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान काटे गए। बताया जा रहा है कि 473 दोपहिया व तिपहिया वाहन चालकों के चालान भी काटे गए।
यह चीज़ें विकसित की जा रही
प्राप्त जानकारियों के मुताबिक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Merrut Expressway) के डासना से भोजपुर तक के पैकेज को Zone-1 बनाया गया है, जिसमें 13 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां पर 36 विडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम (VIDS) लगाए जाएंगे, तो वहीं 22 ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम (ANPR) भी लगाए जाएंगे। इसके अलावा दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के इंटरचेंज पर 2 पीटीजेड (पेन टिल्ट ज़ूम) कैमरे लगाए किये जायेंगे।
सुरक्षा और निगरानी की दृष्टि से किया जा रहा कार्य
अभी कुछ दिनों पहले ही ट्रैफिक पुलिस और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की तकनीकी टीम ने मीटिंग के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-9 (NH-9) का सर्वेक्षण किया। जिसमे उन्होंने ऐसे स्थानों को चुना जहां सुरक्षा और निगरानी की नज़र से कैमरे लगाना आती आवश्यक है। अभी सिर्फ ओवरस्पीडिंग वाहनों के चालान काटे जाते थे, परंतु अब विपरीत यानी गलत दिशा से आने वाले और बिना हेलमेट लगाए वाहन चालकों का ऑटोमेटिक चालान हो पाएगा।