दिल्ली के चिड़िया घर ने शुरू की एक अनोखी पहल, जिसके तहत पाल सकते है जंगली जानवर

अगर आपके मन में कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैंस पालने के अलावा शेर,भेड़िया जैसे जंगली जानवर पालने की इच्छा है तो दिल्ली के चिड़िया घर ने आपकी वो इच्छा पूरी कर दी है। दरसअल दिल्ली चिड़ियाघर ने एक योजना शुरू की है।

जिसके तहत आप एक या दो साल के लिए किसी भी वन्यजीव को गोद ले सकते हैं। जिसके लिए आपकों अलग-अलग दर के हिसाब से भुगतान करना होगा।इस योजना का उ्ददेश्य वन्यजीवों के संरक्षण में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना है।

दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक धर्मदेव राय का कहना है कि,कई लोग वन्यजीवों के सरंक्षण के भागीदार बनने चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अवसर नहीं मिलता है। ऐसे में अब वे इस योजना के तहत भुगतान करके चिड़ियाघर से किसी भी जानवर को गोद ले सकतें हैं। इन भुगतान मे सबसे अधिक रकम एशियाई सिंह, सफेद बाघ, बंगाल बाघ, गेंडा, हाथी व बिलाव की है, जोकि छह लाख रुपये है और सबसे कम दाम जेब्रा फिंच के है जोकि 700 रुपये है।

जो लोग इन जानवरों को गोद लेने के इच्छुक हैं वे चिड़ियाघर के ट्वीटर हैंडल से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं या चिड़ियाघर परिसर से भी इसका फॉर्म ले सकते हैं। और शुल्क का भुगतान चेक, डिमांड ड्राफ्ट, क्रेडिट या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं।

जिससे आपको इन्हें गोद लेने की सदस्यता मिल जायेगी। और सदस्यता का नवीनीकरण क्रेडिट या डेबिट कार्ड के माध्यम से स्वत: हो जाएगा। इसके अलावा ई-मेल के माध्यम से भी नवीनीकरण किया जा सकता है। जिसके लिए भागीदार को एक कार्ड दिया जाएगा। यदि वह कार्ड खो जाता है तो 500 रुपये का भुगतान कर नया कार्ड लिया जा सकता है।

सदस्यता लेने पर ये मिलेंगे लाभ

-कार्ड में एक अतिरिक्त शख्स व 12 साल से कम उम्र के बच्चों के दो बच्चों को शामिल किया जा सकता है । महीने में कार्यदिवस पर किसी भी एक दिन निशुल्क चिड़ियाघर घूमने की मिलेगी सुविधा।

-सदस्यता का समय पूरा होने पर चिड़ियाघर की ओर से भागीदारों को एक प्रमाण पत्र भी सौंपा जाएगा।

-चिड़ियाघर में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने का मिलेगा मौका।

-गोद लिए गए जानवर के बाड़े के बाहर लिखा होगा गोद लेने वाले शख्स, संस्था या कंपनी का नाम।

वन्यजीवों को गोद लेने का वार्षिक दाम

भेड़िया
एक लाख 20 हजार।

भारतीय गौर
सालाना एक लाख 80 हजार

तेंदुआ
सालाना 2,25000

इंडियन जैकाल
सालाना 2,40,000

धारीदार लकड़बग्घा
सालाना 3 लाख रुपये

एशियाई सिंह, बाघ, गेंडा, हाथी व सियार
सालाना 3,60,000