राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र के तुगलकाबाद किले के क्षेत्र में अतिक्रमण को रोकने और उसके खिलाफ बुलडोजर चलाया जाएगा। यह क्षेत्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण के अधीन में हैं। ASI ने बड़े स्तर पर अपनी भूमि खाली करवाने के लिए यह अभियान शुरू करा हैं। ASI के इस अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत गलत रूप से बनाए गए घरों की दीवारों पर एक हजार से ज्यादा नोटिस चिपकाए गए हैं। इन घरों में रह रहे लोगों से 15 दिन के भीतर घर खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
लोगों को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 24 नवंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने एएसआई (ASI) को अतिक्रमण हटाने और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अंतिम रूप से प्रस्तुत करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था। अदालत ने मामले को 16 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। एएसआई अधिकारियों के मुताबिक, अगर अतिक्रमणकारियों ने उन्हें जारी 15 दिनों की समय सीमा का पालन नहीं किया तो महीने के अंत तक क्षेत्र में एक अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया जाएगा। 2001 में भी इसी तरह की कवायद की गई थी जब 500 बीघा से ज्यादा जमीन साफ की गई थी।
घरों पर लगाए गए 1000 से ज्यादा नोटिस
प्राप्त जानकारियों के मुताबिक दिल्ली सर्किल के सुपरिंटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट प्रवीण सिंह ने बताया कि अब तक अतिक्रमणकारियों के घरों की दीवारों पर 1000 से ज्यादा नोटिस चिपकाए जा चुके हैं,उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा,
“हमने गुरुवार को पुलिस और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के सहयोग से यह अभियान शुरू किया हैं। 1995 में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के भूमि और विकास कार्यालय द्वारा देखभाल और रखरखाव के उद्देश्य से 2,661 बीघा का क्षेत्र एएसआई को सौंप दिया गया था। आज तक 50% से ज्यादा क्षेत्र पर अवैध रूप से लोगों का कब्जा है।”
क्या लिखा है नोटिस में?
इलाके में चिपकाए गए नोटिस में लिखा है,
“तुगलकाबाद किला क्षेत्र के अंदर के मकानों के कब्जेदार/अतिक्रमणकर्ता को निर्देश दिया जाता है कि वे इस नोटिस के जारी होने की तारीख से 15 दिनों की अवधि के भीतर सभी अवैध निर्माणों/अतिक्रमणों को अपने खर्चे से हटा दें। ऐसा न करने पर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें विध्वंस/बेदखली शामिल है। इस कार्रवाई की लागत भी उनसे ही वसूली जाएगी।”