राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण कब होगा और मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की नई तारीख का फैसला उपराज्यपाल वीके सक्सेना करेंगे। हालांकि निगम ने इसके लिए 30 जनवरी की तिथि राजनिवास को प्रस्तावित की है। छह जनवरी को हुई कार्यवाही का ब्योरा नगरसेवक द्वारा दिल्ली सरकार को भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि पिछली तिथि के लिए नियुक्त पीठासीन अधिकारी सत्य शर्मा ने शपथ ली थी, परंतु हंगामे के कारण अन्य पार्षदों को शपथ नहीं दिलाई गई हैं। ऐसे में निगम ने एलजी से अगली बैठक की तारीख तय करने का अनुरोध किया है।
एलजी तय करेंगे अगली तारीख
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली नगर निगम (MCD) से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जो फाइल भेजी गई है उसमें सदन की कार्यवाही का पूरा ब्योरा दिया गया है। अब अगली तारीख एलजी तय करेंगे। चूंकि पूर्व में नियुक्त पीठासीन अधिकारी सत्य शर्मा को शपथ दिलाई गई है। ऐसे में सत्या शर्मा को फिर से पीठासीन अधिकारी नियुक्त करना है या किसी अन्य सदस्य को पीठासीन अधिकारी बनाना है, यह एलजी को तय करना है।
हंगामा मैच गया था सदन में
आपको बता दे कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार, नगरसेवकों के चुनाव के बाद पहली बैठक में, एलजी द्वारा नियुक्त एक अधिकारी पीठासीन अधिकारी को शपथ दिलाता है। इसके बाद पीठासीन अधिकारी सभी सदस्यों को शपथ दिलाते हैं। इसके बाद मेयर-डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव होता है। 6 जनवरी को एलजी द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी को शपथ दिलाई गई, लेकिन जैसे ही सत्य शर्मा ने मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाना शुरू किया, हंगामा मच गया।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला
गौरतलब है कि 6 जनवरी को हंगामे के लिए आप और बीजेपी ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया हैं। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सदन में हंगामे को लेकर कहा था कि आप के 49 से 134 पार्षदों ने जैसे ही गुंडागर्दी शुरू कर दी। धक्का-मुक्की, मारपीट, कानून की अवहेलना, यही इस गुंडे पार्टी की असलियत है। केजरीवाल खुद अधिकारियों और नेताओं को अपने घर बुलाते हैं और उन्हें धमकाते-पीटते हैं, तो उनके शिष्यों से और क्या उम्मीद की जा सकती है।