अंजलि सिंह की मौत महज एक हादसा थी या कोई साजिश? अब मर्डर के तहत जल्द ही इस राज से पर्दा उठ सकता हैं। बहुत जल्द बलेनो में सवार पांच आरोपी युवक अंजलि की मौत की हकीकत बता सकते हैं, क्योंकि उन सभी का लाई डिटेक्टर टेस्ट (Lie Ditector Test) कराया जा सकता है। माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस कंझावला कांड के आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने पर विचार कर रही है। आपको बता दें कि नए साल की रात अंजलि की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी थी और हादसे के बाद वह कार में फंसकर 12 किमी तक घिसटती चली गई। उसका शव बाहरी दिल्ली के कंझावला में मिला था।
लाई डिटेक्टर टेस्ट की कर सकती है मांग पुलिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस पांचों आरोपियों की रिमांड बढ़ाने की मांग को लेकर आज रोहिणी कोर्ट में पेश करेगी और इस दौरान पुलिस लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए कोर्ट से अनुमति भी मांग सकती है। आरोपियों को अदालत में पेश करते समय पुलिस अदालत को सूचित कर सकती है कि वे चाहते हैं कि सभी पांचों आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाए। इससे पुलिस को घटनाओं के क्रम को जानने में मदद मिलेगी कि यह दुखद घटना कैसे हुई। प्राप्त जानकारियों के मुताबिक पता चला है कि पुलिस जानना चाहती है कि क्या पांचों लोग झूठ बोल रहे हैं कि अंजलि को जानबूझकर मारने का उनका कोई इरादा नहीं था। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन पांचों लोगों का निधि या अंजलि से पहले कोई संबंध था या नहीं।
परिजन बोले- हमें न्याय चाहिए
आपको बता दे कि अंजलि के परिजनों ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। अंजलि के चाचा ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने पांचों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) में धारा 302 जोड़ने की मांग की है। वहीं उन्होंने आगे कहा,
“ऐसा नहीं हो सकता कि उन्होंने शरीर पर ध्यान नहीं दिया। यह एक जानबूझकर किया गया प्रयास था। हम निधि को नहीं जानते। हमारी बेटी को ऐसी कोई भी शराब की आदत नहीं थी। पुलिस ने भी की गलती की हैं। हम चाहते हैं कि आरोपी की हिरासत बढ़ाई जाए और मामले की गहन जांच की जाए। हम न्याय चाहते हैं।”