Delhi News: राजधानी के नामचीन व्यापारी अनिल नंदा के साथ हुई ठगी, पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बड़े और नामी व्यापारी अनिल नंदा के साथ ठगी के मामले में दिल्ली पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम अवनीश चंद्र झा उर्फ ​​तांत्रिक उर्फ ​​गुरुजी, माजिद अली और धर्मेंद्र सिंह हैं। वैसे तो एफआईआर (FIR) में कुल 7 लोगों के नाम हैं। थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार अवनीश चंद्रा के खिलाफ दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और नागालैंड में भी मामले दर्ज हैं। शिकायतकर्ता अनिल नंद ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपियों के अंडरवर्ल्ड से संबंध हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 408, 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

 

बीएसएफ के पूर्व कुक ने भी किया था ऐसा फ्रॉड

प्राप्त जानकारियों के मुताबिक इससे पहले भी दिल्ली में धोखाधड़ी के कई मामले सामने आते रहे हैं। हाल ही में 29 जुलाई 2022 को पुलिस की अपराध शाखा ने धोखाधड़ी के एक मामले का खुलासा किया जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक पूर्व कुक को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार आरोपी ने कुछ दिनों के लिए बीएसएफ (BSF) छोड़ दी थी क्योंकि वह अमीर बनना चाहता था। अमीर बनने के लिए उसने ठगी का रास्ता चुना था और 100 करोड़ ठगकर फरार हो गया था। ओमा राम राजस्थान पुलिस द्वारा 2008 से 2011 के बीच दर्ज 49 मामलों में वांछित था। आरोपी 46 मामलों में फरार भी घोषित हो चुका है, लेकिन शातिर पुलिस से बचने के लिए वह बार-बार न सिर्फ अपना नाम बदल रहा था, बल्कि शहर भी बदल रहा था। दिल्ली पुलिस ने 6 महीने की कोशिश के बाद ओमा राम को गिरफ्तार किया था।

 

जल्दी पैसा कमाने के लालच में अपराध का रस्ता चुना

आपको बता दे कि राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले ओमा राम को साल 2004 में बीएसएफ में रसोइए की नौकरी मिली थी, परंतु 2 साल बाद ही ओमा राम ने यह नौकरी छोड़ दी क्योंकि वह जल्दी अमीर बनना चाहते थे। नौकरी छोड़ने के बाद ओमा राम ने साल 2007 में खुद की सिक्यॉरिटी कंपनी शुरू की और उसमें 60 लोगों को भर्ती किया। उसके बाद उसने यह कंपनी पूर्व सैनिक राकेश मोहन को बेच दी। इसके बाद 2007 में ही उन्होंने एक एमएलएम (MLM) कंपनी में बतौर एजेंट काम करना शुरू कर दिया। यहां करीब डेढ़ करोड़ कमाने के बाद उसने यहां भी नौकरी छोड़ दी और 2009 में आरोपी ने खुद की लिमिटेड कंपनी खोली और खुद मैनेजिंग डायरेक्टर बन गया।