“इंसाफ की डगर पे बच्चों दिखाओ चल के ये देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के” ये गाना देश के युवाओं की छवि को बयान करता है। देश के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना युवाओ से होती है, युवा ही अपने जोश और ताकत के सकारात्मक प्रयोग से देश की कायापलट कर सकते है और किया भी है। आज कई किशोर अपनी बुद्धिमता से देश का नाम रोशन कर रहे है लेकिन आपको ये जानकर बहुत दुख होगा की कई युवा ऐसे भी है जो अपराध की दुनिया के जघन्य अपराधी बनने की दिशा में है।
मेट्रो सिटी नाबालिंग अपराध में दिल्ली टॉप पर
चोरी, लूटपाट, पॉकेटमार, झपटमारी, रेप, पोस्को, मर्डर जैसे छोटे से बड़े अपराध को छोटे डॉन यानी नाबालिक अंजाम दे रहे है। वही नैशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो (NCRB) के डेटा बताते हैं कि दिल्ली में 2020 में 2455 नाबालिग अपराध करते हुए पकड़े गए। 2021 में ये आंकड़ा 2643 तक पहुंच गया था। यानी एक साल के अंदर करीब 8 फीसदी ज्यादा नाबालिग पकड़े गए। तकरीबन एक दिन में 7 नाबालिग अपराध करते हुए पकड़े जाते है। मेट्रो सिटी के अपराधी नाबालिगों के मामले में दिल्ली टॉप पर है, जिसके बाद चेन्नै (647) और मुंबई (611) का नंबर है।
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार इस साल 30 सितंबर तक 1475 नाबालिग अलग-अलग अपराधों में पकड़े गए। औसतन रोज 5 नाबालिग किसी ना किसी तरह के अपराध कर रहे है। ज्यादातर अपराधी अनपढ़ या सिर्फ दसवीं तक पढ़े हैं। इस साल नाबालिगों ने कई सनसनीखेज वारदातों को अंजाम दिया है।
पुलिस अफसरों ने बताया कि हत्या, रेप और लूट जैसे संगीन अपराधों में लिप्त नाबालिगों को शेल्टर होम भेजा जाता है। सात साल के कम सजा वाले अपरधों में परिजनों को सौंप देते हैं। वही कई बार लगता है कि सुधार की गुंजाइश है तो उसे सुधार गृह भेज दिया जाता है।
नाबालिंगो की 2022 की अपराधिक लिस्ट
21 जनवरी 2022: जहांगीरपुरी में इंस्टाग्राम पर विडियो अपलोड के लिए 3 नाबालिगों ने युवक को मारा।
26 जनवरी 2022: विवेक विहार में महिला से गैंगरेप और गंजा कर घुमाने वाले केस में 5 नाबालिग भी था।
8 अप्रैल 2022: आदर्श नगर इलाके में थप्पड़ मारने पर दो नाबालिगों ने चाकू मार युवक की हत्या कर दी।
1 मई 2022: नॉर्थ दिल्ली के सिविल लाइंस में 2 नाबालिगों ने लूट के लिए बिल्डर की घर में घुस हत्या की।
15 मई 2022: नेब सराय में तीन नाबालिगों ने हत्या की। मृतक ने दोस्त को थप्पड़ मारने का विरोध किया था।
8 जून 2022: आनंद पर्वत में बीच-बचाव का बदला लेने के लिए दो नाबालिगों ने 21 साल के युवक को मारा।
11 जून 2022: कल्याणपुरी में 2 नाबालिगों ने शराब पिलाकर बहन के दोस्त की हत्या कर शव नाले में फेंका।
1 जुलाई 2022: मुंडका में रेप में गवाही देने वाले 12 साल के लड़के को दो नाबालिगों ने गला रेतकर मारा।
1 जुलाई 2022: फर्श बाजार में गाली देने पर एक नाबालिग ने 73 साल के बुजुर्ग की चाकू गोदकर हत्या की।
8 अगस्त 2022: त्रिलोकपुरी में सिर्फ धमकाने पर 5 नाबालिगों ने एक युवक की चाकू गोदकर हत्या की।
18 सितंबर 2022: सीलमपुर में 11 साल के लड़के से दरिंदगी का मामला सामने आया। पीड़ित की मौत। दो नाबालिग धरे।
5 अक्टूबर 2022: भलस्वा डेरी में इंस्टाग्राम फोलोअर्स को लेकर 17 साल की लड़की ने नाबालिग भाई और उसके दोस्तों से दो कत्ल करवा दिए।
9 अक्टबर 2022: साउथ दिल्ली के नेब सराय में एक नाबालिग ने झगड़े का बदला लेने के लिए अपने साथियों के साथ पीठ पर खंजर घोंप कर हत्या की।
9 अक्टूबर 2022: यमुना विहार में माल के बंटवारे को लेकर अपने साथी की हत्या कर दी। आरोपियों में 15 और 17 साल के दो नाबालिग थे।
28 अक्टूबर 2022: पटेल नगर इलाके में बहन से छेड़छाड़ का विरोध करने पर 17 साल के लड़के का दो नाबालिगों ने चाकू से गोदकर बेरहमी से कत्ल कर दिया
5 दिसंबर 2022: गोकुलपुरी इलाके में दो नाबालिग स्कूली छात्रों ने घर से बुलाकर अपने साथी के धारदार हथियार से इतने जख्म कर दिए कि पूरा चेहरा पट्टियों से ढकना पड़ा
अपराधी बनने की क्या है वजह?
एक शोध के अनुसार नबालिको को अपराधी बनने की वजह निरीक्षिता, इंटरनेट, ड्रग्स की लत, आर्थिक और सामाजिक परेशानियां आदि होते है।
1. इन बच्चों ने किसी मजबूरी में या फिर पास नहीं होने की वजह से स्कूल छोड़ दिया। इससे अपराध से जुड़ गए।
2. ज्यादातर नाबालिक स्लम या गरीब हैं। इनके लिए खेलकूद और डांस-म्यूजिक जैसी एक्टिविटी करने को नहीं हैं।
3. ये नाबालिग ड्रग्स लेने लगते हैं, जिसके लिए पैसे की जरूरत पड़ती है। इसके के लिए अपराध से जुड़ जाते हैं।
4. लड़के और लड़कियों को अलग खेलने-पढ़ने को कहा जाता है। उत्सुकता की भावना क्राइम को जन्म देती है।
5. ज्यादातर बच्चों के पास फोन है, जो भरपूर डेटा देता है। इंटरनेट/टीवी पर हिंसा/पॉर्नोग्राफी से भरा कंटेंट है।
6. बच्चे आसपास के वातावरण से सीखते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों की मानसिकता पर पड़ता है।
7. साथियों की हरकतों का असर पड़ता है। नशे या चोरी वाले साथी हैं तो बच्चा उस संगत में पड़ जाता है।
8. बच्चों को शानो-शौकत की जिंदगी अपनी तरफ खींचती है, जिसे पूरा करने के लिए क्राइम में पड़ जाता है।
9. सामाजिक असंतुलन भी वजह है। झुग्गी और कोठियां साथ हैं। बच्चों में वैसी जिंदगी की चाहत पनपती है।
10. सामाजिक-आर्थिक रूप से असमानता होने से नई पीढ़ी में बहुत जल्दी सब कुछ पाने की चाहत का होना।
क्या हो सकता है समाधान?
नबालिंगो का खेलती कूदती उम्र में अपराध की रह पर चल पड़ने से बचाया जा सकता है। इसके लिए सभी को सहयोग देना चाहिए। इनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए और शिक्षा प्रदान करनी की पूरी कोशिश करनी है। पहले अपराध पर ही उसकी काउंसिलिंग करनी चाहिए। प्रशासन की तरफ से भी सहयोग किया जाना चाहिए और स्किल्स सीखने चाहिए लेकिन जॉब भी देनी चाहिए। इतना सब शायद काफी नहीं है लेकिन उनकी मदद करना और उनकी मानसिकता को नकारात्मकता से बचाने के लिए सरकार और एनजीओ को भी पूरा सहयोग करना चाहिए।