कोरोना महामारी के बाद से एक बार फिर से देश में सामान्य माहौल, इसी सामान्य माहौल के चलते इस बार दिल्ली में दुर्गा पूजा का आयोजन भी किया जा रहा है।इससे पहले 2019 में दुर्गा पूजा सामान्य माहौल में हुई थी और तब खूब भक्त भी माता के इस उत्सव में शामिल होने पहुंचे थे।
ऐसी ही उम्मीद इस बार लगाई जा रही है कि इस बार भी दुर्गा पूजा में दुर्गा माता की बड़ी-बड़ी मूर्तियां, दर्शन करने वालों की भीड़ और सड़क किनारे आइसक्रीम-गुब्बारे वाले आदि रहेंगे।
वहीं इस बार पूजा आयोजकों का कहना है कि महामारी के बाद से लोगों में दुर्गा पूजा को लेकर खूब उत्साह है।इसलिए वह पूजा को और भी ज्यादा भव्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से पूजा की तैयारियों में कुछ रुकावट जरूर आई।पर बारिश बंद होने के बाद से आयोजकों ने एक बार फिर से उसी जोश के साथ तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं।
अगर भविष्य मे कभी बारिश आती है तो उसके लिए चितरंजन पार्क काली मंदिर सोसायटी ने सभी पंडालों पर वॉटर प्रूफिंग कर दी है।मिली हुई जानकारी के अनुसार इस बार ना केवल दुर्गा पूजा भव्य होगी, बल्कि महिषासुर का विनाश करती दुर्गा माता की मूर्ति का भी साइज बड़ा और भव्य होगा।
सीआर पार्क में दुर्गा पूजा का आयोजन करने वाली नवपल्ली दुर्गा पूजा समिति के एडिशनल जनरल सेक्रेटरी रविकांत सिंघा ने बताया कि, ‘इस बार पूजा को लेकर लोगों में काफी उत्साह है, क्योंकि दो साल के बाद दुर्गा माता की पूजा होने जा रही है।’ इसके साथ ही वह मूर्ति के साइज को लेकर कहते हैं कि, ‘हमारी मूर्ति का साइज लगभग 15 फीट होगा। जब वह स्टेज पर रखी जाएगी तो उसका साइज लगभग 20 फीट तक हो सकता है।’
इसी के साथ कुछ आयोजक का कहना है कि इस बार पूजा की तैयारियां बेशक शानदार हो रही हैं,लेकिन कोरोना काल के बाद से उन्हें अपने बजट में कटौती करनी पड़ी है।
वहीं कोलकाता से कारीगर लाकर मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार गोविंद नाथ का कहना है कि ‘इस बार लोगों की जेब में पैसा नहीं है, यही वजह है कि अब उतनी मूर्तियों के ऑर्डर नहीं आए हैं, जितने पहले आते थे।इससे पहले 35-40 मूर्तियों के ऑर्डर आया करते थे, लेकिन इस बार सिर्फ 25 मूर्ति के ही ऑर्डर आए हैं।
वहीं एक आयोजक का कहना है, कि हमारी मूर्ति का साइज घटा है,क्योंकि बजट की समस्या थी। इस समय ना बाजार में पैसा है और ना ही लोगों के पास अब उतना पैसा है। इसी वजह से हमें अपने बजट में कटौती करनी पड़ी है।