Delhi News: अब दूर से ही होगा होगा अशोक स्तंभ का दीदार, पास जाने पर लगा प्रतिबंध

दिल्ली का एक इतिहासिक शहर है यहां कई मुगल शासक ने राज किया किया और अपने अपने राजकाल में ऐसी इतिहासिक इमारतें बनवाई जो आज न केवल दिल्ली की शान है बल्कि है पूरे विश्व में इनकी चर्चा है। भारत में कई विदेशी घूमने आते है और लेकिन आपको बता दे आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली चौथे नंबर का राज्य है जहां सबसे ज्यादा विदेशी घूमने आते है।

 

अब दूर से देखे अशोक स्तंभ

भारत के सबसे बुद्धिमान और ताकतवर राजा अशोक को कौन नहीं जानता है। अशोक के प्रतीक अशोक स्तंभ को लोग दूर दूर से देखने आते है। लेकिन आपको ये बात जानकर बेहद दुख पहुंच सकता है की अब से पर्यटकों का अशोक स्तंभ के पास जाना बाधित है। यानी की अशोक स्तंभ को पर्यटकों के लिए बंद किया जा रहा है अब पर्यटक केवल दूर से ही अशोक स्तंभ को देख सकते है।

 

पर्यटकों की सुरक्षा के खातिर लगाया प्रतिबंध

आपको बता दे, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कोटला फिरोजशाह में लगे अशोक स्तंभ तक पहुंचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। एएसआइ का कहना है कि सुरक्षा के लिए ये फैसला लिया गया है। क्योंकि इमारत की ऊपरी मंजिलों में चारदीवारी नहीं हैं, और पर्यटक इमारत के सबसे ऊपरी मंजिल से नीचे झांकते है।

 

अशोक स्तंभ के चारो तरफ से जाल लगाया गया

सबसे ऊपर से झांकने की वजह से पर्यटकों का गिरने जैसे हादसे का खतरा बना रहता था। इसी कारण तीन मंजिला इमारत पर लगे अशोक स्तंभ को लोहे के जाल से चारों तरफ से बंद कर के ताला लगा दिया गया है। इसलिए अब पर्यटक अशोक स्तंभ का नजर केवल दूर से ही ले सकते है।

 

मेरठ से आया था अशोक स्तंभ

मुगल के आखरी शासक फिरोजशाह तुगलक सन् 1364के आसपास मेरठ गया था जभी उसकी नजर अशोक स्तंभ पर पड़ी और वो इतना आकर्षित हुआ की अशोक स्तंभ को मेरठ से दिल्ली लाकर स्थापित करवाया। अशोक स्तंभ तीसरा प्रतिबंधित पर्यटन है इससे पहले कुतुबमीनार पर 1980 में प्रतिबंध लगाया गया था।