औरत अगर कुछ ठान लें तो क्या नहीं कर सकती, औरत घर के साथ अपनी नौकरी भी अच्छे से संभाल सकती हैं।
कुछ ऐसा ही दिल्ली के खिचड़ीपुर की तलत जहां ने कर दिखाया है।बता दें कि तलत जहां अपने पति नासिर व पांच बच्चों के साथ दिल्ली के खिचड़ीपुर के दस ब्लाक में रहती हैं। जिन्होंने अपनें घर के साथ ही अपनें कारोबार को भी संभाला।
दरअसल सात साल पहले तलत जहां के पति का कपड़ों पर डिजाइनर धागा और चांदला लगाने का काम ठप हो गया था।जिसके कारण उनको घर खर्च चलाने में दिक्कत आ रही थी। उस समय पांच बच्चों की मां तलत सिर्फ सिलाई जानती थी। जिसे उन्होंने रोजगार का माध्यम बनाया और एक नया बिजनेस खड़ा कर लिया।
उन्होंने अब अपनें काम को एक छोटी सी कंपनी में तब्दील कर लिया है। उन्होंने अपनी कंपनी को टीजे (तलत जहां) गारमेंट्स नाम दिया है।जहां आज उनके साथ कई लड़कियां और महिलाएं काम रही हैं।इस कंपनी का मुख्य उत्पाद महिलाओं के लिए कुर्ती और प्लाजो है।
इसके अलावा यहां पर अन्य उत्पाद भी तैयार किए जाते हैं। तलत ने बताया कि विशेष आग्रह पर छोटी बच्चियों के लिए लहंगे भी तैयार किए जाते हैं।उनके उत्पाद की बिक्री जिले में मौजूद सखी-सेंटर में होती है। इसके साथ ही साप्ताहिक बाजारों में भी उनके कपड़ों की बिक्री होती है।
तलत ने यह भी बताया कि वह 2015 से अपने घर में लड़कियों व महिलाओं को सिलाई सिखाने का काम कर रही हैं। उन्होंने आज तक 40 से 45 महिलाओं को काम सिखाकर उनको रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।वह मात्र 250 रुपये की फीस में महिलाओं को कपड़े की कटिंग से लेकर सिलाई, डिजाइन, सितारे व चांदला लगाने का काम सिखाती हैं।
इसके साथ ही तलत जहां ने बताया कि महामारी के दौरान उनसे कई ऐसी महिलाओं ने संपर्क किया था, जिनको दो वक्त का खाना मिलना भी मुश्किल था। ऐसे में तलत ने उन सभी महिलाओं को मास्क सिलना सिखाया, ताकि वे घर बैठकर भी अपने परिवार का जीवन यापन कर सकें।
इसके अलावा उनके पास कई ऐसी महिलाएं भी काम सीखने आती हैं, जिनको घर में प्रताड़ित किया जाता है।तलत ऐसी महिलाओं को अपना हुनर निखारने और समाज में पहचान बनाने का मौका देती हैं।