राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यातायात के साधन बहुत अच्छे हैं। यहां बस की सुविधा बहुत अच्छी है, परंतु सड़को पर वाहन भी बहुत ज्यादा है, और जाम भी बहुत बड़ी परेशानी का कारण है दिल्लीवासियों के लिए। दिल्ली की निवासियों की यात्रा को आसान, सुविधाजनक और आरामदायक बनाने के लिए द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना के साथ -साथ सड़कों के निर्माण तथा आवासीय परिसरों के पुनर्विकास या पुननिर्माण से जुड़ी 10 परियोजनाएं दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के पास मंजूरी के लिए पेंडिंग पड़ी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 17 नवंबर 2022 बृहस्पतिवार को यह दावा किया गया कि राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ साप्ताहिक बैठकों में इस मामले को उजागर किया हैं। वही उपराज्यपाल ने 17 सितंबर 2022 तथा 30 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस विषय पर पत्र भी लिखा था।
2019 से लंबित है परियोजनाएं
प्राप्त जानकारियों के अनुसार एक अधिकारी में अपने बयान के कहा, ‘‘शहर के लिए अत्यंत महत्व की दस परियोजनाएं अभी दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के पास लंबित हैं जिनमें यातायात सुगम बनाने और सार्वजनिक परिवहन मुहैया कराने के मकसद से सड़कों के निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग और आवासीय परिसरों की महत्वाकांक्षी पुनर्विकास परियोजनाएं हैं। इनमें से कुछ 2019 से लंबित हैं।” सूत्रों से पता चला कि मुआवजे के रूप में धन और दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा इन परियोजनाओं के लिए उचित वनीकरण के लिए जमीन सहित सभी आवश्यक शर्तों को पूरा किया गया है।
उपराज्यपाल ने लगाई फटकार
एक अधिकारी ने 10 पेंडिंग पड़ी परियोजनाओं के बारे में बात करते हुए बताया, “इसमें साकेत में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के लिए आवासीय क्वार्टर, द्वारका एक्सप्रेसवे पैकेज-2 का निर्माण व अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। IIT दिल्ली में नए एक इंजीनियरिंग ब्लॉक और मिनी अकादमिक ब्लॉक के निर्माण केडी विषय हाल में दी गई आदेश पर उपराज्यपाल ने इस तरह की अनुचित देरी के लिए पर्यावरण विभाग को जमकर फटकार लगाई थी।