CREDAI रिपोर्ट ने दिल्ली में घर खरीदने वालों के सपनो पर फैलाया पानी, देश में महंगे हुए दिल्ली, दिल्ली एनसीआर के घर

दिल्ली में घर खरीदना बेहद ही मुश्किल है सबसे पहले तो दिल्ली में ज्यादा भूमि बची नही है इसलिए जितनी बची h उसपर घर बनाना बड़ा ही मुश्किल है। वही बात करे दिल्ली एनसीआर में घर खरीदने वालों की तो हाई फाई रेट के कारण लोगो के पहले से ही पसीने छूट रहे थे और अब बढ़ते रेट सुनकर लोगो को एक जोर का झटका लगा है। जहां पहले आवासीय कीमतों में जुलाई-सितंबर के दौरान औसतन 7,741 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से 14 प्रतिशत की उच्चतम वार्षिक वृद्धि देखी गई।

 

सबसे महंगे घर वाला शहर बना दिल्ली

देश के बाकी शहरो में भी घर पर बढ़ते कीमतों का उछाल देखा गया लेकिन हाल फिलहाल की CREDAI, Colliers India और Liases Foras की संयुक्त रिपोर्ट में खुलासा होता है कि दिल्ली सबसे महंगे रेट से टॉप कर रही है। CREDAI रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में फ्लैट की कीमतों में सितंबर 2020 से उछाल देखी गई, जिसमे 14% की बढ़ोतरी हुई है। ये बढ़ोतरी देश की सबसे ज्यादा है। सबसे ज्यादा 21% की वृद्धि गोल्फ कोर्स रोड पर देखने को मिली। उसके बाद गाजियाबाद दूसरे नंबर पर रहा। 2022 की तीसरी तिमाही के समय में शहर में बने बिके इन्वेंट्री में 11% की गिरावट भी देखने को मिली। वही बढ़ते कीमत की वजह निर्माण सामग्री के दाम बढ़ने को बताया जा रहा।

 

किस वजह से और कितने बढ़े घर के दाम?

कोरोनाकाल के बाद से लोगो ने अपना रुख अपने घर की तरफ करना शुरू किया रेंट पर रहने से बचने लगे यही कारण है की पिछले साल घरों मांग में बढ़ोतरी देखने को मिली और इसे का फायदा उठाते हुए इस साल के शुरुआत से ही घरों के दाम में वृद्धि देखने को मिली। वही जुलाई-सितंबर की अवधि में कोलकाता में औसत घरों की कीमतें 12% बढ़कर 6,594 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। इसी तरह गुजरात के बड़े शहर अहमदाबाद में 11% की वृद्धि के साथ 6070 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गए। साथ ही बता दे, पुने में 9% की वृद्धि के साथ 8013 रुपए प्रति वर्ग, हैदराबाद में 8% की वृद्धि के साथ 9266 रुपए प्रति वर्ग फुट, बेंगलुरु में 6% की वृद्धि के साथ 8035 रुपए प्रति वर्ग फुट के अनुसार दाम बढ़े है।

 

CREDAI के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने क्या कहा?

आपको बता दें, CREDAI के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा कि देशभर के रियल एस्टेट बाजार में कीमतों के मामले में K-शेप्ड (K-shaped) की रिकवरी देखी गई है। कोरोना के बाद लोग किराए के घर की जगह खुद के घर को ज्यादा महत्व दे रहे, ऐसे में इस सेक्टर में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है। और कोलियर्स इंडिया के सीईओ रमेश नायर का कहना है कि मुद्रास्फीति में वृद्धि और इनपुट लागत में बढ़ोतरी ने पूरे भारत में आवास की कीमतों पर दबाव डाला है